बिलासपुर

लॉक डाउन में घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी, पुलिस के बाद अब खाद्य विभाग को आई सुध…डेयरी दुकान से छापामार 13 सिलेंडर जब्त

भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – जिले में कोरोनावायरस को लेकर जारी लॉक डाउन के बीच घरेलू एलपीजी गैस की डिमांड भी बढ़ी है ऐसे में अवैध गैस रिफिलिंग का धंधा करने वाले कारोबारी भी घरेलू एलपीजी गैस की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं, पुलिस और खाद्य आपूर्ति विभाग ने लॉक डाउन के बीच इस गैस रिफिलिंग और तस्करी का भंडाफोड़ किया है। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को खाद्य विभाग की टीम ने सरकंडा मुख्य मार्ग स्थित महामाया डेयरी में छापामार कार्यवाही की है। छापे के दौरान दुकान संचालक द्वारा शुरुआत में सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग से इंकार किया गया पर जांच में उसकी दुकान से 13 नग सिलेंडर और 100 नग रेग्यूलेटर बरामद किया गया।

दरसअल काफी दिनों से विभाग को सूचना मिल रही थी कि सरकंडा क्षेत्र में घरेलू गैस की कालाबाजारी की जा रही थी। जिसको लेकर सहायक खाद्य अधिकारी राजेश शर्मा एवं खाद्य निरीक्षक अजय मौर्य की टीम ने मौके पर दबिश देकर घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी और रेग्यूलेटर का अवैध तरीके से व्यापार करने के मामले में प्रकरण दर्ज कर खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बरामद सिलेंडर और रेग्यूलेटर को जब्त कर लिया है।

सिविल पुलिस के कार्यवाही के बाद जागा खाद्य विभाग..

बुधवार देर शाम सिविल लाइन पुलिस ने चार लोगों को घरेलू गैस के सील के साथ छेड़छाड़ कर सिलेंडर की कालाबाजारी करते पकड़ा था। इसके अलावा आरोपी युवकों के पास से करीब 30 घरेलू सिलेंडर भी जब्त किए गए थे। जिसकी कीमत 50000 बताई जा रही थी। उक्त कार्यवाही के बाद ही सही खाद्य विभाग ने अपने कान खड़े तो किए! पर यह कार्यवाही आगे भी जारी होगी तभी इसका सकारत्मक परिणाम देंखने को मिलेगा।

इस कालाबाजारी में गैस एजेंसियों की मिली भगत तो नही??

खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार रेग्यूलेटर का वितरण सिर्फ कंपनी द्वारा अधिकृत गैस एजेंसी के माध्यम से ही किया जा सकता है। खुले बाजार में इसकी खरीदी बिक्री गैरकानूनी है। ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में एक दुकान संचालक के पास रेग्यूलेटर मिलने से यह सवाल उठना लाजमी है? कि घरेलू गैस के इन तस्करों को शहर के विभिन्न गैस एजेंसियां चोरी छुपे ही सही सहयोग तो कर रही है! ऐसे में सवाल यह भी है? कि इस कालाबाजारी की भनक खाद्य विभाग को अब तक कैसे नही लगी?

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