राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री का राष्ट्र के प्रति संबोधन- आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान, 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा….लोकल को वोकल बनाने की अपील

रमेश राजपूत

बिलासपुर- देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 12 मई की रात 8 बजे एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट की गंभीरता का परिचय देते हुए पूरे विश्व में मची उथल पुथल की चर्चा की और इस दौरान भी भारत में किये गए लॉक डाउन और लोगो के संयम की सराहना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग जारी रखते हुए देश को आगे बढ़ना है और 21 वी सदी भारत के लिए ही है और कोरोना संकट काल ने यह अवसर दिया है कि हम आत्मनिर्भर बने, भारत की संस्कृति और संस्कार ऐसे है कि वह अपने साथ वसुधैव कुटुम्बकम की सोच रखता है, जो निश्चित तौर पर अपने साथ पूरे विश्व का कल्याण चाहता है। भारत के अभियान पूरे विश्व पर असर डालते है और उनकी प्रगति भी देश के साथ होती है। इस कोरोना संकट ने हमे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर किया है, जब यह संकट आया तब देश मे पीपीई किट और एन 95 मास्क नही के बराबर थे लेकिन आज 2-2 लाख स्टॉक में है उसका उत्पादन यहाँ किया गया। इसलिए यह संकट अवसर लाई है देश को आत्म निर्भर बनने क्योकि जहाँ चाह है वहाँ राह है, देश मे सब कुछ है टेक्नोलॉजी है हुनर है सप्लाई चेन है उसका उपयोग करना है और सशक्त बनना है। इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड को बढ़ाना है ताकि आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा किया जा सके। कोरोना के संकट के साथ ही देश को आगे बढ़ना है, लिहाज़ा आगामी लॉक डाउन 4 में नए रंग, नए नियमों के साथ 18 मई को इसकी घोषणा की जायेगी, साथ ही देश के पूरे जीडीपी के 10 प्रतिशत के समान 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी, जिससे लघु उद्योग से लेकर किसान, श्रमिक, मध्यम वर्ग सहित पूरे देश को गति प्रदान की जा सके। अपने इस संबोधन के दौरान उन्होंने लोकल की एहमियत भी साझा की उन्होंने कहा कि इसी लोकल ने ही हमारी जान बचाई है तो लोकल को वोकल बनाना है और ग्लोबल तक पहुँचाना है और चेन सप्लाई में अपनी भूमिका निभाना है। उन्होंने इसके लिए नए संकल्प, प्रण के रूप में आत्म निर्भर बनने को अपनाने के लिए अपील करते हुए कहा कि लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे, जो अपने वश में है वह सुखी है, इसलिए आत्मनिर्भर भारत अभियान जरूरी है।

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