रतनपुर

सरस्वती शिशु मंदिर रतनपुर  में पारंपरिक खेलो के साथ हरेली पर्व उत्साह से मनाया गया

जुगनू तंबोली

रतनपुर – छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के विकास में स्थानीय त्योहारों का विशेष योगदान होता है यह संस्कृति को जीवंत स्वरूप प्रदान करने वाला पर्व है | पर्वों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का समृद्धशाली इतिहास है। हर वर्ग वर्ष भर कोई न कोई पर्व मनाता रहता है जो यहां की सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देते है। हरेली तिहार छत्तीसगढ़ का प्रथम पर्व के रूप में अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया जाने वाला पर्व है |

छत्तीसगढ़ की इसी लोक संस्कृति को भावी पीढ़ी को अवगत कराने के लिए विद्यालय में हरेली पर्व धूमधाम से मनाया गया इस दौरान कृषि मे प्रयुक्त होने वाले पारंपरिक औजारों का पूजन किया गया विद्यालय के प्राचार्य मुकेश श्रीवास्तव कृषि उपकरणों के महत्व से बच्चों को परिचित कराया। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल फुगडी, गेड़ीदौड़,भौराचालन की प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमे गेड़ी दौड़ की प्रतियोगिता मे 10 बच्चों ने भाग लिया।इस प्रतियोगिता का प्रथम स्थान उत्कर्ष यादव को मिला।नारियल फेंक की प्रतियोगिता मे 20 भैया एवं 10बहनो ने भाग लिया

इस प्रतियोगिता का प्रथम स्थान वेदांत यादव को मिला।भौरा चालन की प्रतियोगिता मे 8बच्चों ने भाग लिया आशीष कश्यप प्रथम स्थान पर रहे। बहनो के लिए आयोजित फुगड़ी स्पर्धा मे 5 बहनो ने भाग लिया इस प्रतियोगिता मे पल्लवी कश्यप विजेता रही।विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता को संपन्न कराने मे श्रीमती तृप्ति बघेल, श्रीमती मणि फांसे, आकांक्षा कहरा,दामिनी श्रीवास, सूर्यकांत यदु,तुषार गुप्ता, का विशेष योगदान रहा विद्यालय के प्राचार्य मुकेश श्रीवास्तव ने सभी का आभार माना।

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