छत्तीसगढ़बिलासपुर

अगर भरना है उनके भी चेहरों में खुशियों का रंग तो इस बार बालिका गृह की बच्चियों के हर्बल गुलाल से खेलें होली…

उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि इन जरूरतमंद बालिकाओं के जीवन में रंग भरने के लिए वे ये हर्बल गुलाल खरीदें और उन्हें प्रोत्साहित करें

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य

होली हो या दिवाली ये खुशियों के त्यौहार है और खुशियां बांटने से बढ़ती है। किसी की जिंदगी में खुशी के चंद छींटे डालने से शायद आपकी खुशियां भी विशाल हो जाए। त्योहारों पर अपनों की खुशियों के लिए लोग क्या कुछ नहीं कर गुजरते लेकिन अगर खरीदारी के दौरान आप की कोशिश यह भी हो कि आप की खरीदारी से किसी और की जिंदगी में खुशियां आए तो त्योहारों के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है। इन दिनों नूतन चौक स्थित बालिका गृह की बच्चियों में रंग-बिरंगे गुलाल बनाने की होड़ लगी हुई है। उनके बनाए गुलाल जितने बिकेंगे, उनके खाते में उतना ही ज्यादा पैसा जमा होगा। कलेक्टर की पहल से इस बार मेग्नेटो मॉल में उनका स्टाल लगने जा रहा है।

महिला बाल-विकास विभाग द्वारा संचालित साईं मंदिर के पीछे, नूतन चौक सरकंडा स्थित बालिका गृह में ऐसी बालिकाएं रहती हैं जिनके माता-पिता उनके पालन-पोषण में असमर्थ हैं। कई अभिभावक विहीन बच्चियां भी यहां रहती हैं। यहां उनकी शिक्षा-दीक्षा होती है और उन्हें प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भरता के गुर सिखाये जाते हैं।

इस समय होली के लिए वे शुद्ध प्राकृतिक एवम् भोज्य पदार्थों में इस्तेमाल किये जाने वाले तत्वों से विविध रंगों के आकर्षक गुलाल तैयार कर रही हैं। गुलाल बनाने में अरारोट, खाने का रंग और सुगंध के लिए गुलाबजल का उपयोग हो रहा है। इनकी छोटी-छोटी पैकेजिंग की जा रही है, जो हर किसी को पसंद आयेगा। संस्था के परिसर में 16 एवं 17 मार्च को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक स्टाल लगाकर इनकी बिक्री की जायेगी। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग की पहल पर इस बार मेग्नेटो मॉल के बिहान बाजार में भी इनका स्टाल लगने जा रहा है।

इस बिक्री से प्राप्त लाभ की राशि सभी बालिकाओं के बैंक खाते में जमा की जायेगी। इससे उनको आर्थिक संबल प्राप्त होगा। जो बालिका जितने अधिक पैकेट बनाएंगी उसे उतनी ही अधिक आय होगी।

ये बालिकाएं दीपावली पर दीये और तोरण द्वार बनाती हैं, रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भी बनाती हैं। इनकी भी बिक्री कैंपस में स्टाल लगाकर की जाती है। छात्रावास अधीक्षिका ने बताया कि जिन्हें बालिकाओं के इस कार्य की जानकारी है वे यहां आकर खरीदारी करते हैं।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने बालिका गृह की बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किये जा रहे इस प्रयास की सराहना की है। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि इन जरूरतमंद बालिकाओं के जीवन में रंग भरने के लिए वे ये हर्बल गुलाल खरीदें और उन्हें प्रोत्साहित करें।

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