मस्तूरी

भारी विरोध के बीच एसीसी कंपनी की जनसुनवाई हुई रद्द… ग्रामीणों के साथ बाहरी लोगों ने की तोड़फोड़,

उदय सिंह

मस्तूरी – विकास खण्ड के पचपेड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम गोडाडीह, बोहारडीह एवं लोहर्सी में स्थापित मेसर्स एसीसी लिमिटेड कम्पनी ने अपनी वर्तमान उद्योग की विभिन्न ईकाईयों के विस्तार के लिए पर्यावरण संरक्षण मण्डल, रायपुर में आवेदन किया था।

जिसका स्वीकृति के पूर्व आम जनता का अभिमत जानने के लिए आज 3 तारिक को ग्राम लोहर्सी में जिला प्रशासन द्वारा लोक सुनवाई का आयोजन किया गया था। जिसका आसपास के ग्रामीण एवं युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओ, नेताओं ने भारी विरोध पर्दशन किया।

विरोध प्रदर्शन में सैकड़ो कुर्सियों को तोड़ दिया गया।वही पुलिस मुखदर्शक बनी देखती रही। जनसुनवाई में पीठासीन अधिकारी बनकर पंहुचे बिलासपुर एडीएम, मस्तूरी एसडीएम एवं तहसीलदार को जनसुनवाई में भारी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा एवं जनसुनवाई के लिए बने मंच से अधिकारियों को भागना पड़ा भारी पुलिस बल मौके पर पंहुचे जिसके बाद अधिकारी जनसुनवाई के लिए बने मंच पर 30 मिनट बाद वापस पंहुचे।

फिर भी ग्रामीण और जनसुनवाई में पंहुचे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेतागण नही माने जिसके बाद एडीएम ने आज के जनसुनवाई का स्थगन लिखकर दिया जिसके बाद ग्रामीण एवं नेतागण शांत हुए।

जनसुनवाई प्रभावित क्षेत्र से बाहर किया जा रहा था आयोजित…

प्रभावित ग्रामीणों ने एसीसी कंपनी के ऊपर आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा प्रभावित एरिया के ग्रामीणों को धोखे में रख प्रभावित एरिया से 4 किलोमीटर दूर जनसुनवाई करने आयोजन कराया गया जो कि गलत है।

नदी और जंगल होंगे प्रभावित…

ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी जिस एरिया में खुल रही रही है वहां से नजदीक ही दो नदिया लीलागर एवं शिवनाथ नदी बहती है एवं पास ही जंगल स्थित है।जहां वन प्राणी हिरण, चीतल जंगली सुअर आदि जीव मौजूद है कंपनी खुलने से जंगल मे मौजूद वन जीव प्राणी को काफी नुकसान पहुँचेगा।

जनसुनवाई में बाहरी लोगों की दखल..

लोहर्सी जनसुनवाई में पहूंचे नेतागण एवं बाहर से आय हुए लोगो का लोकल ग्रामीणों ने विरोध किया उन्होंने बताया कि जनसुनवाई हम प्रभावित लोगों के लिए है, जहाँ बाहरी लोग आकर जबर्दस्ती विरोध प्रदर्शन कर रहे है जो गलत है। एसीसी कंपनी से नफा नुकसान का संबंध हम ग्रामीणों से है बाहर से राजनीति चमकाने आये लोगो से नही।

2019 में भी जनसुनवाई हो चुकी है स्थगित..

पर्यावरण स्वीकृति के लिए 2019 में भी जनसुनवाई का आयोजन किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के साथ ही जोगी समर्थकों ने प्रदर्शन कर जमकर विरोध किया गया था और हंगामा हुआ था, जिसके बाद जनसुनवाई स्थगित कर दी गई थी।

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