बिल्हा

आरक्षक की प्रताड़ना से युवक ने की ट्रेन से कटकर आत्महत्या..परिजनों और ग्रामीणों ने थाने का किया घेराव, आरक्षक के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग

रमेश राजपूत

बिलासपुर – आरक्षक की प्रताड़ना से तंग और आहत युवक ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दी है।यह आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जिले के बिल्हा थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया है, वही मामले में एसएसपी ने उक्त आरक्षक को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद भी ग्रामीणों का गुस्सा कम नही हो रहा जो आरक्षक के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध दर्ज करने की मांग कर रहे है।

मिली जानकारी के अनुसार बिल्हा थाना क्षेत्र के भैसबोड़ गाँव में रहने वाले बुज़ुर्ग भागीरथी गेंदले ने आरोप लगाया है कि बिल्हा थाने की पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर उनके बड़े बेटे हरीश गेंदले ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दी है, मृतक हरीश गेंदले के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि बिल्हा पुलिस ने उनसे बीस हज़ार रूपए की रिश्वत की भी मांग की थी, जिन्होंने बिल्हा थाने में पदस्थ आरक्षक रूपलाल चन्द्रा पर आरोप लगाएं है। घटना बीते 28 नवम्बर की है, मृतक के पिता भागीरथी गेंदले ने बताया कि 28 नवम्बर की सुबह लगभग 11 बजे उनका बेटा हरीश अपनी मोटरसाइकल से घर से निकला इसी बीच स्कूल जा रही कुछ छात्रों की साइकल से टकराने से एक्सीडेंट हो गया। इस बात की शिकायत छात्रों ने बिल्हा थाने में की थोड़ी ही देर में बिल्हा पुलिस हरीश गेंदले के घर पहुच गई. पिता भागीरथी ने बताया कि बिल्हा थाने का आरक्षक रूप लाल चंद्रा उनके घर आया और उनके साथ गालीगलौच और मारपीट करने लगा,

उन्होंने बताया कि पुलिस उन्हें मारते हुए थाने ले आई। पिता को थाने ले जाने की जानकारी बेटे हरीश को मिली तो वो भी थाने पंहुचा। आरोप है कि थाने में भी पुलिस ने पिता पुत्र दोनों को लगभग चार घंटे तक जबरन बिठाए रखा, और अश्लील गालियाँ देते हुए मारपीट की मृतक की माँ सुशीला गेंदले ने बताया कि आरक्षक रूप लाल चन्द्रा ने पिता पुत्र को छोड़ने के लिए 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग की और धमकी दी कि पैसे दोगे तब ही इन्हें छोडूंगा वर्ना जेल भेज दूंगा. पीड़ित पिता पुत्र पुलिस के सामने गिडगिडाते रहे कि साहब हम गरीब लोग है बीस हज़ार रूपए कहाँ से लाएंगे लेकिन आरक्षक का दिल नहीं पसीजा, पुलिस ने कहा तू चाहे कुछ भी कर लेकिन पैसा लेकर आ, परिजन का कहना है, पुलिस की इसी करतूत और लालच का नतीजा है कि हरीश गेंदले आज जिंदा नहीं है।

पिता से मारपीट और दुर्व्यवहार से युवक था निराश…

अपने सामने ही पिता से गालीगलौच और मारपीट होते देख हरीश बेहद आहत हुआ उसने पुलिस से ऐसा न करने को कहा लेकिन पुलिस 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग पर अड़ी रही. बेक़सूर पिता के अपमान का हरीश गेंदले पर इतना ज़्यादा बुरा प्रभाव पड़ा कि उसने पुलिस वालों के सामने ही ये बात कही कि अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहता मैं ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दूंगा. दोनों पिता पुत्र को शाम लगभग 6 बजे थाने से छोड़ा गया और रात तकरीबन 9 बजे पटरी पर दो टुकड़ों में हरीश की लाश मिली।

ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव…

पीड़ित परिजन और अन्य गाँव वालों ने इस घटना पर विरोध जताते हुए आज बिल्हा थाने का घेराव कर दिया. ग्रामीणों ने बिलासपुर एसपी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते हुए दोषी भ्रष्ट आरक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की है। वही पुलिस उच्च अधिकारियों ने मामले में जांच किये जाने का आश्वासन दिया है और उक्त आरक्षक रूपलाल चंद्रा को निलंबित कर दिया गया है।

error: Content is protected !!