छत्तीसगढ़बिलासपुर

आगजनी की घटना के बाद जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री सिम्स के अस्तित्व पर लगाया प्रश्नचिन्ह

स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए सिम्स समेत अन्य अस्पताल जहां नवजात भर्ती थे उनका किया औचक निरीक्षण

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य

बिलासपुर-प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव बुधवार को सिम्स पहुंचे,जहां 1 दिन पहले आग लगने की वजह से आईसीयू में भर्ती कई बच्चे प्रभावित हुए थे।सहदेव ने अस्पताल जाकर वहां भर्ती बच्चों से भी मुलाकात की इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह विचार करने का समय आ गया है कि मौजूदा व्यवस्था के बीच सिम्स चलाने लायक है या नहीं।जैसा कि मालूम है कि मंगलवार को शार्ट सर्किट की वजह से आग लगने के कारण सिम्स में अफरा-तफरी मच गई थी।आग लगने के बाद शिशु वार्ड के कई बच्चे प्रभावित हुए थे,जिन्हें इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। इस अफरा-तफरी में दो बच्चों की मौत भी हो गयी थी।यह खबर मिलने के बाद बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव सिम्स पहुंचे।शहर आगमन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री सर्व प्रथम महादेव मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे,उसके बाद मंत्री शिशु भवन पहुंचे,जहाँ भर्ती कराए गए बच्चों का हालचाल जाना और सिम्स पहुंचकर मौके का मुआयना किया।इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा की सिम्स के भीतर बिजली की इस तरह व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।इसे परिसर से बाहर रखा जाना चाहिए था।उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे जिस तरह संवेदनशील स्थिति में इलाज के लिए भर्ती कराए गए थे,निश्चित रूप से इस घटना का विपरीत असर पड़ा है।जब मंत्री से पूछा गया कि क्या बच्चों की मौत धुएं की वजह से हुई है इस पर उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में डॉक्टरों का कहना है कि धुए से मौत के बारे में अभी नहीं कहा जा सकता,एसपी से भी बात हुई है,उन्होंने कहा है कि पोस्टमार्टम कराया गया है,इसलिए रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। सिम्स के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा खुद को मैनेजर बताए जाने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि किसी मामले में कलेक्टर पटवारी पर और पटवारी कलेक्टर पर जिम्मेदारी नहीं मढ सकता इसी तरह यहां भी सभी की जिम्मेदारी है।

-स्वास्थ्य मंत्री ने कहा पूरी घटना की बारीकी से जांच हाई पावर कमेटी कर रही है।कहां कैसी कमी थी इसकी जांच होने के बाद कार्यवाही की जाएगी,वही व्यवस्था में सुधार निश्चित रूप से किया जाएगा।इस पर सभी बैठकर निर्णय लेंगे।सिंहदेव यह भी बोले कि सिम्स वर्तमान व्यवस्था के बीच चलाने लायक है या नहीं इस पर विचार करने का सही समय आ गया है।अगर इस तरह के व्यवस्था में इसे चलाया नहीं जा सकता तो बंद ही करना चाहिए,और यदि चलाया जा सकता है तो कमियों को दूर कर के सभी व्यवस्था ठीक करनी होगी।जब उन्हें बचाव कार्य के दौरान घायल हुए तीन कर्मचारियों के बारे में बताया गया तो उन्होंने उनके प्रयास की प्रशंसा की।संभव है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया जा सकता है।साथ ही कहा जो लोग भी इस घटना से प्रभावित हुए हैं ,उन्हें इलाज के लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा।इसके अलावा जाते वक्त स्वास्थ्य मंत्री सिम्स में बेतरतीब पड़ी केबल वायर देखकर रुक गए केबल की गुडवत्ता की जांच के लिए वायर का टुकड़ा अपने साथ लेकर चलते बने।
सिम्स अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसमें किसकी लापरवाही है,उसकी जांच कमेटी कर रही है।वही उन्होंने बताया कि पचपेड़ी निवासी दूसरे नवजात की मौत शिशु भवन में हुई है,सिम्स प्रबंधन पर आरोप था कि नवजातों की मौत धुंआ से हुई है,इसलिए दोनो नवजातों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है,रिपोर्ट आने के बाद ही उक्त मामले का सही कारण पता चल सकेगा।अधीक्षक ने बताया कि घटना के वक्त उन्होंने और सिम्स के तमाम कर्मचारियों ने तो पूरा जोर दिखाकर कार्य किया है,अब भगवान उन्हें जो फल दे उन्हें मंजूर होगा।वही अधीक्षक ने बताया कि एनआईसीयू को व्यवस्थित करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है,जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जायेगा,तब तक बच्चों को निजी अस्पतालों में ही रखकर उनका इलाज किया जायेगा।फिलहाल अधीक्षक ने दो नवजातों की मौत पर दुखी जताया और कहा कि दो और नवजातों की स्थिति गंभीर है जिनका अपोलो में इलाज किया जा रहा है।

बहरहाल सिम्स में यह आगजनी की घटना दूसरी बार घटित हुई है,हालांकि इस बार भी घटना कोई बड़ी नही थी लेकिन हम इसे छोटी भी नही मान सकते क्योंकि इसी घटना के दौरान जहाँ सिम्स में अफरा तफरी मच गई थी तो वही इस घटना में दो नवजातों ने भी अपनी जान गंवाई।यही वजह थी कि स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए सिम्स समेत अन्य अस्पताल जहां नवजात भर्ती थे उनका औचक निरीक्षण कर व्यवस्था की जांच परख की।फिलहाल देखा गया कि स्वास्थ्य मंत्री के आगमन पर जो भाजपाई अपने कार्यकाल के दौरान बड़े बड़े कांड किये जिसमे ऑंखफोड़वा कांड और नसबंदी कांड शामिल है उनका कभी विरोध नही किया लेकिन बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री के आगमन पर भाजपाई सिम्स पहुंचकर इस घटना का विरोध करने में जुट गए।फिलहाल भाजपाइयों को यह समझ नही की कांग्रेस सरकार की कार्यकाल की अभी ठीक से दो महीने भी नही हुए,इसलिए तो इनकी यह विरोध सिम्स में सोभा नही दी,जिससे नाराज पुलिसकर्मियों ने भी उन्हें खदेड़कर बाहर का रास्ता दिखाया।बहरहाल देखना होगा कि इस मामले की सही जांच रिपोर्ट कब तक आ पाती है और क्या इस मामले का कोई निष्कर्ष निकल पाता है या नही जो देखने वाली बात होगी।

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