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बिलासपुर की रजनी गुड़गांव में चमकी, ब्यूटी पेजेंट जीतकर शहर का नाम किया रोशन

प्रवीर भट्टाचार्य

अगर चाह हो तो फिर राह की हर मुश्किल खुद-ब-खुद आसान होती चली जाती है। मंजिल की तलाश में सफर भी सुहाना लगने लगता है और फिर सुहाने सफर के बाद अगर मंजिल भी हासिल हो जाए तो फिर क्या कहने। ऐसा ही कुछ हुआ है बिलासपुर की रजनी अरोड़ा के साथ। हाल ही में बिलासपुर की रजनी अरोड़ा ने दिल्ली गुड़गांव में आयोजित प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया होममेकर ब्यूटी क्वीन यूनिवर्स का खिताब जीता है। वैसे भी एक महिला ही परफेक्ट होममेकर हो सकती है। यह मिथ्या धारणा है कि शादी के बाद जिंदगी थम जाती है और अवसर खत्म हो जाते हैं । नए दौर में फैशन की दुनिया में भी विवाह के बाद नए अवसर तलाशे जा रहे हैं। ऐसी ही एक प्रतियोगिता है मिसेज इंडिया होम मेकर।

बिलासपुर में रहने वाली रजनी अरोड़ा का जन्म वैसे तो अकलतरा में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश बिलासपुर यदुनंदन नगर तिफरा में हुई । पिता वासुदेव अरोड़ा और मां विमला अरोड़ा शायद भरे पुरे परिवार पर यकीन करते थे, इसीलिए रजनी की परवरिश अपने 10 भाई-बहनों के साथ हुई । चार भाई और छह बहनों में रजनी सबसे छोटी होने की वजह से शुरू से ही सबकी लाडली रही है। बिलासपुर के बर्जेस हिंदी मीडियम स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनी ने कॉलेज की पढ़ाई जीडीसी से पूरी की । भिलाई में रजनी का विवाह हुआ लेकिन विवाहित जीवन खास सुखद नहीं रहा। संबंध विच्छेद के बाद सिंगल मदर रजनी वापस अपने घर लौट आई और यहां जिला अस्पताल में आईसीसी में जॉब करने लगी। करीब 6 महीने पहले कोरबा में रहने वाली उनकी बहन नीता दुआ ने इस ब्यूटी कंपटीशन की जानकारी उन्हें देते हुए इसमें भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया था।अपनी बहन की प्रेरणा से रजनी इस कंपटीशन में भाग लेने को तैयार हुई और उनकी बहन निता ने भी इस कंपटीशन में पार्टिसिपेट किया।

6 महीने तक सभी स्तरों पर खूब तैयारी की गई। ग्रूमिंग के साथ मिलने वाले टास्क को भी पूरी इमानदारी और दिलचस्पी लेते हुए पूरा किया। जॉब करते हुए एक सिंगल मदर के लिए इसे करना आसान भी नहीं था, लेकिन चुनौती का मजा तभी है ,जब वह कठिन हो । बिलासपुर की रहने वाली रजनी अरोड़ा का मानना है कि ना तो शादी के बाद जिंदगी ठहरती है और न हीं जिंदगी से किसी के निकल जाने के बाद ही सब कुछ खत्म हो जाता है। अगर इरादे मजबूत हो तो फिर मनचाही मंजिल किसी रोज जरूर हासिल होकर रहती है ।अवसर हर तरफ है, सिर्फ उसे तलाशने और तराशने की जरूरत है ।

परिवार से मिले भरपूर सहयोग का ही असर था की रजनी ने इसी महीने की 16 से 18 तारीख के बीच गुड़गांव में हुए हुई प्रतियोगिता में अपना लोहा मनवाया। साड़ी और गाउन में ड्रेस राउंड के अलावा क्वेश्चन राउंड में भी रजनी ने अपनी हाजिर जवाबी से निर्णय को को मंत्रमुग्ध कर दिया। जज आदया नाथ जोशी ने सवाल किया कि छत्तीसगढ़ की क्या विशेषता है ।रजनी का जवाब था कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते हैं और यहां का धान दुनिया भर में प्रसिद्ध है। उनसे अगला सवाल किया गया कि अगर उन्हें कोई राइस मिल चालू करने का अवसर मिले तो वह इसे कहां आरंभ करना चाहेगी। इसके जवाब में रजनी अरोड़ा ने कहा कि इसके लिए पहले पूरी रिसर्च की जाएगी। यह जानकारी जुटाई जाएगी कि चावल की मांग कहां अधिक है और कहां धान का उत्पादन है जिससे कि कच्चा माल भी मिल सके। रजनी के इसी जवाब का असर था कि देश विदेश से जुटे 50 प्रतिभागियों में रजनी को छत्तीसगढ़ से टाइटल हासिल हुआ । यहां कुल 4 विनर सेलेक्ट किए गए, जिसमें से बिलासपुर की बेटी रजनी अरोड़ा ने भी क्रॉउन जीतकर बिलासपुर को गौरवान्वित होने का एक और अवसर दिया ।

प्रियंका चोपड़ा और सुष्मिता सेन को देखकर बचपन से ही इच्छा थी कि ऐसा ही कोई टैग कभी हासिल किया जाए। फिल्म और फैशन की दुनिया में जाने की भी इच्छा बचपन से थी जो अब जाकर पूरी हुई है, इसलिए रजनी कहती है कि अब ठहरना नहीं है। आगे भी अगर इस क्षेत्र में कोई अच्छा अवसर मिले तो रजनी अरोड़ा उसमें भी हाथ आजमाना चाहती है। फिल्म और मॉडलिंग क्षेत्र में कुछ बेहतर करने की इच्छा रजनी अरोड़ा की है। बिलासपुर यदुनंदन नगर में रहने वाली रजनी अरोड़ा आज मिसेज इंडिया होममेकर टाइटल विनर भी है। उनके लिए यह टाइटल बहुत मायने रखता है। निराशा और संघर्ष को चीरकर उन्होंने यह खिताब हासिल किया है, साथ ही उन्होंने अपने जैसी और महिलाओं को भी यह संदेश दिया है कि अगर इच्छा शक्ति हो, हुनर और काबिलियत हो, तो फिर मुश्किल कुछ भी नहीं। सोमवार को मिसेज इंडिया होममेकर ब्यूटी क्वीन यूनिवर्स की विजेता रजनी अरोड़ा बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुई और अपने इस दिलचस्प सफर के किस्से पत्रकारों से साझा किया।

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