बिलासपुर

शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने कलेक्टर ने जारी किए दिशा निर्देश…मुख्यमंत्री कांफ्रेंस के बाद अब कड़ाई शुरू

रमेश राजपूत

बिलासपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा कलेक्टर कांफ्रेंस में दिए गए निर्देशों के अनुरूप शैक्षणिक गुणवत्ता व स्कूल प्रशासन में कसावट लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस संबंध में स्कूलों के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी प्राचार्यों, प्रधानपाठकों और बीईओ से जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कर वांछित परिणाम हासिल करने को कहा है। कलेक्टर ने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान अक्सर यह पाया गया है कि विद्यालयों में शिक्षकों की अनियमित उपस्थिति के कारण विद्यालयों का संचालन प्रभावित हो रहा है। साथ ही विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति भी देखी जा रही है। यह स्थिति विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण के लिए कतई उचित नहीं है। कलेक्टर द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार विद्यालयों में प्रार्थना निर्धारित समय पर हों तथा प्रार्थना में सभी शिक्षक एवं कर्मचारी शामिल रहें। प्रार्थना उपरांत समय-समय पर विद्यार्थियों के बस्ते चेक किये जाएं ताकि विद्यार्थी विद्यालय में अवांछित वस्तुएं लेकर ना आ सकें। उनकी प्रवृत्ति सकारात्मक एवं संस्कार युक्त हो सके। प्रत्येक कालखंड में शिक्षकों की उपस्थिति समय पर सुनिश्चित की जाए। यदि विषय शिक्षक अनुपस्थित हैं तो अध्यापन व्यवस्था के तहत शिक्षकों को नियुक्त किया जाए, ध्यान रखें किसी भी कालखंड में कोई कक्ष खाली ना रहे। भोजन अवकाश में बच्चों को विद्यालय परिसर से बाहर न जाने दिया जावे। भोजन अवकाश के समय प्रतिदिन दो शिक्षक-शिक्षकाओं की ड्यूटी लगाई जावे,

जो विद्यालय की कक्षाओं एवं परिसर में घूम कर बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें।भोजन अवकाश में बाहरी वेंडर अथवा ठेले वालों को सामग्री बेचने हेतु प्रवेश न दिया जाए। विद्यालयों में विद्यालय निधि अथवा शाला प्रबंधन समिति अथवा पंचायत के माध्यम से सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे।तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में नशा सामग्री,पान-गुटका इत्यादि की बिक्री एवं सेवन प्रतिबंधित है। इसका कड़ाई से पालन किया जाए। यदि आसपास कोई ऐसे दुकान अथवा ठेले हैं तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस अथवा प्रशासन को दें। विद्यालयों में कक्षा प्रतिनिधि एवं छात्र परिषद का गठन किया जावे तथा इन्हें अवांछित गतिविधियों पर निगरानी एवं गोपनीय रूप से सूचना देने हेतु सक्रिय करते हुए जिम्मेदारी दिया जावे। प्रत्येक विद्यालय में एक पत्र पेटी रखा जावे, जिसमें बच्चे अवांछित गतिविधियों में लिप्त रहने वाले बच्चों की जानकारी गोपनीय रूप दे सकें। विद्यालयों मेंएसएमडीसी एवं शिक्षक-पालक संघ की बैठक प्रति माह अनिवार्य रूप से किया जाना सुनिश्चित करें। माध्यमिक विद्यालयों में एसडीपी एवं प्रारंभिक विद्यालयों में एसआईपी तैयार कर उसको प्रदर्शित एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जावें।विद्यालय में किसी भी प्रकार की अवांछनीय घटना घटित न हो,इसके लिए समस्त कार्यरत स्टॉफ निगरानी रखें। शाला में अवस्थित जीर्ण-शीर्ण कक्षों में कक्षा अध्यापन न कराएं।विद्यालय निरीक्षण के दौरान विद्यालय संचालन में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित शिक्षक एवं संस्था प्रमुख के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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