बिलासपुर

द्वितीय महापरीक्षा में 1261 महिलाओं सहित 1611 असाक्षरों ने दी परीक्षा

रमेश राजपूत

बिलासपुर-पुरे देश में जहां पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है वहीं महिलाओं में इसका प्रतिशत महज 65.46 है। वही छत्तीसगढ़ राज्य की कुल साक्षरता 71.04 प्रतिशत है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य की जहाँ नगरीय साक्षरता का प्रतिशत 84.79 है। वही ग्रामीण साक्षरता का प्रतिशत 66.76 है, असाक्षरता के इस खाई को कम करने के लिए केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली की पहल पर पूरे देश में ख़ास कर महिला साक्षरता पर विशेष जोर देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में भी राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा ढाई लाख असाक्षरों को साक्षर करने के लक्ष्य को लेकर केंद्र प्रवर्तित योजना पढ़ना-लिखना अभियान का सञ्चालन किया गया यह योजना बिलासपुर जिले में भी संचालित की गई जिसमें द्वितीय चरण हेतु प्रौढ़ शिक्षार्थी आंकलन महापरीक्षा बिलासपुर जिले के सभी विकासखण्डों में बुधवार 30 मार्च को आयोजित की गई

कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण डा. सारांश मित्तर ने महापरीक्षा में सम्मिलित जिले के सभी असाक्षरों को राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान का हिस्सा बनने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित किया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं उपाध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण श्री हरीश एस. (आई ए एस ) के मार्गदर्शन एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री डी.के. कौशिक के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान के दोनों चरणों को सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। जिला परियोजना अधिकारी श्री जितेन्द्र पाटले ने बताया कि पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत हमारे बिलासपुर जिले को 10092 असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य मिला था। जिसमें प्रथम चरण 30 सितम्बर 2021 को आयोजित महापरीक्षा में 8596 असाक्षर परीक्षा अभियान में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण हुए थे

द्वितीय चरण में 30 मार्च 2022 को आयोजित महापरीक्षा हेतु शेष एवं नये असाक्षरों को मिलाकर कुल 1837 असाक्षरों का पंजीयन किया गया था। जिसमे विकासखण्ड मस्तूरी में 262 असाक्षर, विकासखण्ड बिल्हा में 284 असाक्षर, विकासखण्ड कोटा 729 में असाक्षर, एवं विकासखण्ड तखतपुर में 562 असाक्षर पंजीकृत थे असाक्षरों को साक्षर करने का कार्य शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियों द्वारा बिना किसी मानदेय के स्वयं सेवी शिक्षक के रूप में किया गया तत्पश्चात द्वितीय चरण के महापरिक्षा अभियान का आयोजन किया गया
इस महापरीक्षा अभियान आयोजन के लिए जिले में कुल 51 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, जिसमें विकासखण्ड मस्तूरी में 02, विकासखण्ड बिल्हा में 08, विकासखण्ड कोटा में 26, एवं विकासखण्ड तखतपुर में 15 केन्द्रों में चिन्हित पंचायतों के असाक्षरों ने परीक्षा दी ।द्वितीय चरण के महापरीक्षा में लगभग 95 प्रतिशत असाक्षरो ने भाग लिया महापरीक्षा अभियान को शांतिपूर्ण संचालित करने जिला कार्यालय से जिला परियोजना अधिकारी ,विकासखंड से खण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड परियोजना अधिकारी, को दल प्रभारी बनाकर प्रेक्षक टीम का गठन किया गया था जिहोने सभी परीक्षा केन्द्रों में जाकर महापरिक्षा के दौरान निरिक्षण का कार्य किया महापरिक्षा को सफल बनाने के लिए खण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल समन्वयक एवं सम्बंधित केन्द्राध्यक्षों और पर्यवेक्षकों शिक्षकों ग्राम सचिवों सरपंच कोटवार आदि लोगों का योगदान रहा ।

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