रतनपुर

अक्षत तृतीया पर माँ महामाया मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 80 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में…. पूरी व्यवस्था रही निःशुल्क

जुगनू तंबोली

रतनपुर – प्रतिवर्षनुसार इस वर्ष भी रतनपुर के महामाया मंदिर परिसर में 03 मई को निःशुल्क सामूहिक विवाह का पुनीत एवं लोक कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पुनीत एवं लोक कल्याणकारी कार्य मे विवाह योग्य युवक एवं युवतियों के 80 जोड़ों ने मंदिर कार्यालय में पहुँचकर अपना पंजीयन कराया था। जिसकी पात्रता की जांच ट्रस्ट के विधिक विभाग सहित महिला बाल विकास विभाग द्वारा बड़ी बारीकी से की गई थी। मंदिर के प्रबंधक आशीष सिंह ठाकुर एवं मैंनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोंथलिया ने बताया कि  माँ महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट के द्वारा प्रतिवर्ष अक्षय तृतिया को सामुहिक विवाह का आयोजन किया जाता है।

मंदिर प्रबंधन की ओर से सामुहिक विवाह में भाग लेने वाले वर वधू को वैवाहिक परिधान कुर्ता पैजामा दुपटटा कटार पगड़ी साड़ी ब्लाउज पेटीकोट चुनरी मौरी माला एवं उपहार स्वरूप आभूषण जिसमें सोने की लौंग चांदी का पायल बिछिया झुमका एवं मंगलसुत्र लाकेट एवं पचहर बर्तन व श्रृंगार से भरी पेटी उपहार स्वरूप दिये गए।

साथ ही इस दौरान मंदिर परिसर में दूल्हा दुल्हन सहित उनके परिजनों के लिए आवास एवं भोजन की भी निःशुल्क ब्यवस्था माँ महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट के द्वारा की गई। 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक डॉ.रेणु जोगी एवं संसदीय सचिव एवं विधायक तखतपुर रश्मि आशीष सिंह ठाकुर विशेष रूप से शामिल होकर वर वधु को आशीर्वाद प्रदान किये। मंदिर परिसर में विद्वान आचार्यों के श्रीमुख से सामूहिक विवाह के लिए वैदिक मंत्र के साथ विवाह संपन्न कराये।

वीलचेयर में नवविवाहित जोड़े ने लिए फेरे

सिरगिट्टी निवासी ब्रिज लाल सोनवानी और गौरी पिता सहदेव धुरी छतोंना निवासी ने सिद्ध शक्ति पीठ माँ महामाया देवी मंदिर परिसर आयोजित सामूहिक विवाह में विवाह किए दोनो अपने पैरों से दिव्यांग है। जिसकी वजह से वीलचेयर में बैठकर ही दोनों ने सात फेरे लिए।

पूर्णतः निःशुल्क रही सारी व्यवस्थाएं

महामाया मंदिर ट्रस्ट रतनपुर द्वारा सामूहिक विवाह संबंधी सारी सुविधाएं निःशुल्क रूप से उपलब्ध कराई गई। जिसमे वर वधु पक्ष के लोंगो के रहने खाने भोजन एवं आवास से लेकर विवाह में लगने वाली सभी आवश्यक सामाग्रियां शामिल है। साथ ही विवाह स्थल में सभी लोगो के लिए गुपचुप , बर्फ के गोले की व्यवस्था भी की गई थी।

error: Content is protected !!