बिलासपुर

सड़को और सार्वजनिक स्थलों में मवेशियों को छोड़ने पर अब लगेगा जुर्माना…पंचायतों में सचिवों को दी गई जिम्मेदारी, समझाईश के बाद अब प्रशासन दिखा रही सख़्ती

रमेश राजपूत

बिलासपुर – जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों द्वारा अपने पशुओं को सड़कों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण के लिये छोड़ दिया जाता है , जिससे गंभीर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है , साथ ही मवेशियों के जीवन और अंगों के लिये भी ख़तरा है , इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा घूम रहे पशुओं के पालकों पर कड़ाई से कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है । पशु अतिचार अधिनियम 1871 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों में विचरण कर रहे पशुओं को कांजी हाउस में बंद कर पशुपालक के विरूद्ध धारा 12 के तहत अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है । इसलिए जिला बिलासपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव को उक्त कार्य हेतु अधिकृत किया जाता है

कि वे छ.ग. पंचायत राज अधिनियम 1993 एवं पशु अतिचार अधिनियम 1871 में निहित धाराओं एवं नियमों के तहत अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में खुले में पशुओं द्वारा फसलों की चराई करने , सड़कों , उद्यानों एवं सार्वजनिक स्थलों में विचरण करते हुए पाये जाने पर निकटतम कांजी हाउस में भेजा जावे तथा पशुपालकों पर अर्थदण्ड की कार्यवाही की जावे । पशु अतिचार अधिनियम 1871 के तहत पशुपालकों पर अधिकतम राशि रू . 1000.00 जुर्माना अधिरोपित किये जाने एवं पुनरावृत्ति की दशा में राशि रू . 500.00 का प्रावधान है । अतः जिले के सभी सचिव , ग्राम पंचायत उपरोक्त प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में समुचित कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें और की गई कार्यवाहियों का समुचित रिकार्ड संधारण सुनिश्चित करें ।

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