
सीपत रियाज असरफी
भरूवाडीह के बंधिया में पानी पीने पहुचें फिर एक चीतल को मार डाला कुत्तों ने तीन दिन में यह दूसरी घटना जिम्मेदार कौन
सीपत-सर्किल के जंगल मे फिर एक बार प्यासी मादा चीतल भटक्कर गांव के करीब बंधिया तालाब में पानी पीने पहुँची लेकिन पानी पीने से पहले ही कुत्तों ने हमला कर चीतल को मार डाला इस सर्किल में तीन दिन में यह दूसरी बड़ी घटना है जहां बेजुबान प्यासे पशु पानी पीने जंगल से भागकर बस्ती के करीब तालाब,नहर में पहुच रहे और अपनी जान गंवाकर वन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता की भरपाई कर रहे है। अगर जंगल के अंदर इनके लिए पर्याप्त मात्रा में पीने के लिए पानी की व्यवस्था होती तो शायद इनको अपनी जान नही गंवानी पड़ती लेकिन विभाग के अधिकारियों को इसकी परवाह कहां।
बता दें कि सीपत सर्किल के भरूवाडीह बिट कक्ष क्रमांक 4 आरएफ के जंगल से डेढ़ वर्षीय मादा चीतल मंगलवार को दोपहर लगभग 1 बजे ग्राम भरूवाडीह बस्ती के समीप सरकारी बंधिया तालाब में पानी पीने पहुँची इसी दौरान कुत्तों ने प्यासी मादा चीतल पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। इसकी सूचना ग्रामीणों ने गांव के ही वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्यारेलाल बिंझवार को दी प्यारेलाल ने मौके पर जाकर कुत्तों को भगाया और गम्भीर रूप से घायल चीतल को पानी पिलाने का प्रयास किया। इसके बाद समिति के अध्यक्ष ने घटना की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। अधिकारियों के निर्देश पर मेटाडोर वाहन से इलाज हेतु बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी ले जाया गया। जहां इलाज होने से पहले ही दोपहर 3:30 बजे घायल चीतल ने दम तोड़ दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने पंचनामा कर पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम कराया और फदहाखार में मृत चीतल का दाह संस्कार कर दिया गया।
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जंगल मे पानी की कमी तीन दिनों के भीतर दो चीतलों की मौत जिम्मेदार कौन
बढ़ते गर्मी का प्रकोप और जंगल मे पानी की कमी से जंगली जानवरों की जान पर सामत बन आई है। हर वर्ष प्यास की शिद्दत में जानवर जंगलों से निकलकर बस्ती के आसपास तालाब,नाला, नहर पहुचते है और पहले से घात लगाकर बैठे शिकारी और कुत्तों के चंगुल में फंस जाते है शिकारियों को शिकार करते पकड़े जाने पर मामला को मौके पर ही रफा-दफा कर दिया जाता है लेकिन कुत्तों के हमलों से घटित घटना को नही छुपाया जा सकता क्योंकि यह आम ग्रामीणों के बीच की घटना होती है। भरुवाडीह की इस घटना से मात्र तीन दिन पूर्व ही ठरकपुर के नहर में पानी पीने पहुचे चीतल की भी मौत कुत्तों के काटने से हुई थी। अब देखना है की इन दोनों घटना के बाद वन विभाग क्या कदम उठाती है।
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सीपत सर्किल के जंगल मे बोर के 9 पॉइंट लेकिन कोई भी चालू नही
जंगली जानवरों की प्यास बुझाने के लिए पूर्व में वन विभाग द्वारा सीपत सर्किल के रोपण क्षेत्र ठरकपुर में 1 बोर कैमाडीह में 2 बोर,आरएफ 6 में 3 बोर एवं आरएफ 8 में 3 बोर का खनन कराया गया था लेकिन विडंबना यह है कि मौसम का पारा 40 के करीब पहुच रहा है सुबह से लूं चलने का एहसास हो रहा है बावजूद इसके इनमें से किसी भी बोर पॉइंट को चालू नही किया गया है। सर्किल के डिप्टी रेंजर अजय बेन का कहना है कि 9 में से 5 बोर में पम्प लगा दिया गया है लेकिन कनेक्शन वायर नही होने के कारण चालू नही हो पाया है।
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होली के दिन से गायब है बिट गार्ड कान्हा वर्मा जंगल भगवान भरोसे
भरूवाडीह बिट के वन संरक्षक कान्हा वर्मा होली के दिन से अपने ड्यूटी क्षेत्र को भगवान के भरोशे छोड़कर गायब है बिट गार्ड कान्हा अगर गायब नही रहते तो शायद इस तरह की घटना नही घटती और एक बेजुबान जानवर की बलि नही चढ़ती। वर्तमान में लकड़ी तस्करों को विभाग द्वारा खुला निमंत्रण दिया गया है क्योंकि विभाग के छोटे से बड़े अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय से नदारत रहते है घरों से ही जंगल की निगरानी करते है।
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रेंजर ने कहा सभी 9 बोर में लगे है पम्प,डिप्टी रेंजर ने कहा 5 में तो ग्रामीणों ने बताया सिर्फ 2 में लगा है पम्प
बिलासपुर रेंजर एएस नाथ का कहना है कि सभी 9 बोर पॉइंट में मोटर पम्प लगा दिया गया है इसे चालू करने के लिए केबल वायर की खरीदी की जाएगी एक सप्ताह के अंदर सभी बोर चालू कर दिया जाएगा साथ ही जमीन को खोदकर कोटना लगाया जाएगा उसमें जानवरो के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी। ताकि जंगल से जानवर बाहर ना निकल सकें। जबकि डिप्टी रेंजर ने बताया कि 9 बोर में से 5 बोर में पम्प लगा दिया गया है। और ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ दो में लगे है।