
सरहदों की रक्षा में तैनात सैनिक देश के हर नागरिक की हिफाजत के लिए अपना लहू बहाता है

सीपत रियाज असरफी
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले में शहिद हुए जवानों को केंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। शुक्रवार शाम को हजरत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह के दरगाह से केंडल मार्च निकाला गया। पूरी बस्ती का मार्च करते हुए दरगाह परिषर में शहीद जवानों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। दरगाह के खादिम हाजी शेर मोहम्मद,उस्मान खान हाजी मोहम्मद साबिर ने इस हमले पर कड़ी निंदा करते हुए कहा की जो घटना हुई है, वह कायरतापूर्ण है. उसकी वह निंदा करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता. उनकी कोई जात नहीं होती.खादिमो ने पुलवामा आतंकी हमले को कायरतापूर्ण कार्यवाही करार दिया सरपंच प्रतिनिधि दुर्गा साहू,पूर्व सरपंच संतोष गंधर्व ने इस घटना पर आक्रोश जताते हुए कहा कि जो भी लोग इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। इस अवसर अब्दुल गफ्फार,हाफिज अनवारुल हक, कासिम अंसारी सहित सभी समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

इस आतंकवादी हमले के पीछे जिहादी मानसिकता होने की वजह से स्वाभाविक रूप से मुस्लिम आतंकवाद के प्रति देशभर में गुस्सा है वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम वर्ग ने भी आगे बढ़कर यह साबित करने की कोशिश की है कि हर मुसलमान आतंकवादी नहीं है और ना ही सब पाकिस्तान के साथ है। जरूरी नहीं है कि अगर आतंकवादी जैश ए मोहम्मद का हो तो हर मुसलमान के लिए आदर्श बन जाए। देश का मुसलमान मुख्यधारा के साथ चलना चाहता है और वह भी सीआरपीएफ जवानों की शहादत से उतना ही दुखी है जितना हर हिंदुस्तानी। क्योंकि सरहदों की रक्षा में तैनात सैनिक देश के हर नागरिक की हिफाजत के लिए अपना लहू बहता है।