
टेकचंद कारड़ा
बेटी जब विदा होकर ससुराल आती है तो लोग उसे बहू बनाकर घर में रखते है और बहू बनते ही बेटी को यह लगने लगता है कि शायद उसका स्वप्न पूरा नही होगा परंतु तखतपुर के कारडा परिवार ने बहू को बेटी बनाकर उसके सपने को पूरा करते हुए डेंटल एमडीएस का कोर्स कराया और बहू उत्तीर्ण भी हो गई।
रायपुर निवासी जवाहर सलामतानी की सुपुत्री डां कीर्ति कारडा का विवाह नगर के किराना व्यवसायी रमेश कारडा का दंत चिकित्सक पुत्र डां हिमेत कारडा से चार वर्ष पूर्व हुआ था तब डां कीर्ति कारडा डेंटल में बीडीएस थी और जब वह ससुराल आयी तो उसकी इच्छा थी कि वह डेंटल में एमडीएस कोर्स करें और बहू की आगे पढने की इच्छा जब ससुर रमेश कारडा को पता चला तो उसने सहर्ष बहू को आगे पढाने की सहमति दे दी इसके बाद कीर्ति ने एमडीएस एग्जाम की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी की और उसमें चयन हो गया उसके बाद दो वर्ष पूरा करने के बाद डां कीर्ति एमडीएस पेरियो डोंटिस्ट एण्ड ओरल इम्प्लाण्टो लाजिस्ट कोर्स सफलता पूर्व कर ली। वर्तमान में उनके पति डां हिमेत कारडा और आरोग्य दंत चिकित्सालय संचालित कर रहे है बहू की सफलता पर रमेश कारडा ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं अपने बहू के सपने को पूरा कर सका। कीर्ति कारडा पार्षद टेकचंद कारडा की बहू है।
नवजात शिशु को घर में छोडकर पढाई की। जिस समय कीर्ति का चयन एमडीएस कोर्स में हुआ तब इसकी गोद में दो माह का दुधमुहा बच्चा था जिसे घर में छोडकर वह इसकी कोर्स को पूरा की है। निश्चित रूप से एक माह के लिए बहुत कठिन समय था कि वह अपने छोटे से बच्चें को पढाई कर रही है लेकिन त्याग और परिश्रम ने एक नया मुकाम दिया।