
डेस्क
23 अक्टूबर 2011 को बिलासपुर के तार बाहर रेलवे फाटक में हुए हादसे को भला कौन भूल सकता है, जिसमें 18 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद हड़बड़ी में बना रेलवे अंडर ब्रिज भी लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। इस मुद्दे को रेलवे क्षेत्र के पार्षद, एमआईसी सदस्य और रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य वी रामाराव द्वारा बार-बार सभी मंचों पर उठाया गया। 20 अगस्त 2019 को हुए रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक में भी सदस्य वी रामाराव द्वारा तार बाहर रेलवे अंडर ब्रिज के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। इस बैठक में डीआरएम आर राज गोपाल सहित मंडल के सभी बड़े अधिकारी मौजूद थे, जिन्हें बताया गया कि बारिश के दिनों में तार बाहर रेलवे अंडर ब्रिज में कई कई फीट पानी भर जाता है और इसी के साथ यहां कीचड़ भी जमा होता है । वही पानी सूखने के बाद यही मिट्टी धूल बनकर हर तरफ उड़ती है। अंडर ब्रिज बंद होने से यहां धूल का गुबार मौजूद होता है, जिस से गुजरने वाले लोगों को एक तो कुछ दिखाई नहीं देता दूसरे दमा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां होने की आशंका रहती है।
रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक में व्ही रामाराव द्वारा सुझाव दिया गया था कि यहां हर वक्त लगे रहने वाले मवेशियों के जमावड़े को खत्म करने के लिए दोनों प्रवेश द्वार पर पाइप के फर्श वाला प्रवेश द्वार बनाया जाए , जिससे कि मवेशी रेलवे अंडर ब्रिज के भीतर प्रवेश न कर सके। वहीं इसके भीतर भीतर नालियां भी हो जिससे बाहर से पानी अंडर ब्रिज में प्रवेश करने की जगह प्रवेश द्वार से ही नालियों के रास्ते बाहर निकल जाए। वही नियमित रूप से भीतर जमी मिट्टी की सफाई की भी मांग सलाहकार समिति के सदस्य वी रामाराव द्वारा की गई थी । 20 अगस्त की बैठक में डीआरएम आर राजगोपाल ने एक सप्ताह के भीतर इन प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने का भरोसा दिलाया था। 1 सप्ताह की समय सीमा तो छोड़िए एक महीना बीत चुका है लेकिन अब तक इस दिशा में एक भी कार्य नहीं हुआ है। बरसात के दौरान भीतर पानी जमने की समस्या है । अंडर ब्रिज में पूरे वक्त गाय, बैल और अन्य मवेशी बैठे रहते हैं जिनकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। यहां तक कि एंबुलेंस भी इनकी वजह से नहीं निकल पाई थी। वही यह मवेशी हर तरफ गोबर कर गंदगी फैला रहे हैं जिसके कारण अंडर ब्रिज से गुजारना नारकीय साबित हो रहा है। रेल पटरियों के उस पार मौजूद रेलवे कॉलोनी के अलावा 10 से अधिक गांव के लोग रोजगार, शिक्षा और अन्य जरूरतों के लिए तार बाहर अंडर ब्रिज से आना-जाना करते हैं । उनके लिए उत्पन्न हो रही समस्या के निराकरण के लिए रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति के चार बार सदस्य रहे व्ही रामाराव ने प्रमुखता से अपनी मांगे रखी थी, जिस पर मिले आश्वासन के बावजूद अब तक सुधार की दिशा में एक भी कार्य नहीं हुआ है। आज भी हालात जस के तस है। इसलिए एक बार फिर से रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य और रेलवे क्षेत्र के पार्षद वी रामा राव ने डीआरएम आर राजगोपाल से तत्काल उन सभी सुधारों को लागू करने की मांग की है जिनका प्रस्ताव उन्होंने 20 अगस्त की बैठक में दिया था ।
रोजाना इस अंडर ब्रिज से होकर हजारों लोग आना जाना कर रहे हैं, जिनको भारी तकलीफ हो रही है ।अंदर मौजूद धूल के कारण दमा और अन्य बीमारियां होने की आशंका गहरा रही है। मवेशियों से टकराकर लोग गिर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि छोटे-छोटे उपाय अपनाकर इस अंडर ब्रिज को उपयोग योग्य बनाया जाए ताकि यहां से गुजरने वाले लोगों को बड़ी राहत हासिल हो।