
जुगनू तंबोली

रतनपुर – बिलासपुर जिले के सबसे बडे जलाशय खूंटाघाट बांध पानी से लबालब होकर छलकने लगा है। लगातार यह दूसरा साल है, जब वेस्ट वियर रपटा से जुलाई के अंतिम दिनों में ही पानी का बहाव शुरू हो गया। गुरूवार की सुबह खूंटाघाट बांध के वेस्ट वियर से पानी का बहाव शुरू हो गया। बांध के 614 वर्ग किलोमीटर जल ग्रहण क्षेत्र के कुल भराव क्षमता का 6891 मिटिक घन फूट पानी का भराव हो चुका है। लगातार हो रही भारी से अंचल के सभी नदी नाले उफान पर है। इसके चलते बांध के पानी के स्तर में लगातार बढोतरी हो रही है। इसके चलते रपटा के पानी के बहाव का स्तर भी लगातार बढने की संभावना बताई जा रही है।

208 गांव के किसानों के माथे से चिंता की लकीरें मिट गई है। खुंटाघाट बांध के पानी से बिलासपुर व जांजगीर जिले के 208 गांवों के एक लाख 25 हजार हेक्टेयर खेतीहर जमीन सिंचित होती है। 369 किलोमीटर लंबी मुख्य नहर से बेलतरा, बिलासपुर व मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के हजारों किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए बांध का पानी पहुंचता है। बांध में दिख रही विषाल जल राषि से इन गांवों के हजारों किसानो के माथे से चिंता की लकीरें मिट गई है। खुंटाघाट बांध जिले का प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं। डेम में पानी के भरा व रपटा षुरू होने के बाद बढी संख्या में अंचल से सैलानी पहुंचते हैं। सुरक्षा के पर्याप्त इंतेजाम नहीं होने से हर साल रपटे पर कोई न कोई हादसा जरूर हो जाता है।

इस साल भी डेम के रपटे पर सुरक्षा के कोई इंतेजाम नहीं है। रपटा षुरू होने के बाद सिंचाई विभाग ने रपटे के पथवे पर सैलानियों को जाने से रोकने कांटे की झाडियां डाल दी है। इसके बाद भी कई लोग इसे दरकिनार कर उपर से निकल जा रहे हैं। इन्हे रोकने टोकने वाला सुरक्षा के लिए अमला तैनात नहीं हैं। बीते साल ऐसे ही एक युवक ने 5 अगस्त को पथवे से रपटे पर छलांग लगा दी थी जिसे बचाने के लिए वायु सेना का हेलीकाप्टर बुलाना पड़ा था।