
दुर्गेश मरावी
कोरबा – महिला की हत्या के मामले में पुलिस को सफलता मिली है, जिन्होंने कातिक को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया है, दरअसल 14.09.2022 को सूचक मनीष कुमार राठौर पिता स्व. नेहरू लाल राठौर उम्र 37 वर्ष साकिन उतरदा ने चौकी उपस्थित आकर मर्ग इंटीमेशन दर्ज कराया कि इसकी मॉ कला बाई राठौर उम्र 60 वर्ष निवासी धतुरा अपने मकान में अकेले रहती थी, सूचक दिनांक 14.09.2022 को लगभग 17ः00 बजे अपनी मॉ के घर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया किंतु इसकी मॉ के दरवाजा नही खोलने पर पीछे के रास्ते से घर के अंदर प्रवेश कर देखा तो इसकी मॉ का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था सिर में चोट का निशान था। प्रार्थी की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जॉच कार्यवाही में लिया गया और घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक महोदय कोरबा संतोष सिंह को अवगत कराने पर प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी करने हेतु निर्देशित किया गया,
वरिष्ठ अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन में मर्ग जॉच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृतिका के पड़ोस में रहने वाला पवन कुमार कौशिक पूर्व में दो बार रात्रि के समय मृतिका को अकेले पाकर घर में चोरी करने की नियत से घूसा था कि किंतु मृतिका के जागकर शोर मचाने पर वह भाग गया था जिस संबंध में मोहल्ले वालों द्वारा पंचायत बैठाकर पवन कुमार को समझाईश दी गई थी, दिनांक घटना 13.09.2022 की रात्रि आरोपी पवन कुमार को मृतिका के घर के बगल के खण्डहर वाले रास्ते से निकलते देखा गया था। पंचानों व गवाहानों के कथन के आधार पर पवन कुमार कौशिक को घेराबंदी कर पकड़कर कर पूछताछ करने पर शुरूवात में घटना करने से इंकार करता रहा किंतु आरोपी से सख्ती से पूछताछ करने पर जुर्म करना स्वीकार किया।
आरोपी ने कथन में बताया कि दिनांक 13.09.2022 की रात्रि में कला बाई को अकेली पाकर कला बाई के घर में घूसकर चोरी करने का प्रयास कर रहा था तभी मृतिका कला बाई जाग गई तो कला बाई का मुंह दबाकर उसे बिस्तर पर गिराकर बिस्तर के पास पड़े सिलबट्टा के लोढ़ा से कला बाई के सिर, माथा पर वार करने पर कला बाई की मृत्यु होना बताया। आरोपी पवन कुमाार कौषिक पिता स्व. गोविंदराम कौषिक की निशादेही पर आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त सिलबट्टा का लोढ़ा तथा घटना के समय पहने गए कपड़े जब्त किये गए है जिससे आरोपी पवन कुमार कौषिक का अपराध घटित करना सबूत पाये जाने से आज दिनांक 15.09.2022 को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।