
जुगनू तंबोली
रतनपुर – खूंटाघाट डेम में प्रवासी साइबेरियन पक्षी हर साल आकर डेरा जमाते हैं। जो पर्यटकों को आकर्षित भी करता है। खूंटाघाट के आकर्षण का केंद्र द्वीप की खूबसूरती प्रवासी पक्षियों के आशियाना से ही है। खूंटाघाट के इस टापू में प्रवासी पक्षियों के आशियाने को प्रभावित करना उचित नही। प्रवासी पक्षी सात समंदर पार करके हजारों किमी की लंबी यात्रा करके अपने प्रजनन के अनुकूल स्थान पर प्रति वर्ष यात्रा करके प्रवास करते हैं और फिर वापस चले जाते हैं।

…न रूट चार्ट न गूगल मैप कुछ नही फिर भी वो सदियों से और पीढ़ियों से अपने निर्धारित स्थान पर ही पहुंचते हैं। उनके स्थान पर आम बसाहट और कोलाहल से उनका मजबूत तंत्र टूट सकता है। जो प्रकृति के लिए कतई सही नही होगा। अगर खूंटाघाट के इस द्वीप से छेड़छाड़ हुई तो इन मासूम पक्षियों के लिए निसंदेह क्षति होगी।इस दिशा में विचार और तर्क के साथ ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।
प्रकृति प्रेमियों में निराशा,,,,,
खूंटाघाट डेम के टापू में बगीचा , ग्लास हाउस बनाने का आज भूमि पूजन किया जाना है। जिसका निमंत्रण कार्ड बटते ही प्रकृति प्रेमियों में काफी निराशा हो रही है। सभी अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया के माध्यम से दे रहे है।