
रमेश राजपूत
बिलासपुर – शहर में एटीएम कार्ड बदलकर की जा रही धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। महज एक ही दिन में दो अलग-अलग स्थानों पर दो लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर ली गई। पुलिस ने दोनों मामलों में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। इन घटनाओं ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आम नागरिकों को भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
शासकीय कर्मचारी बने शिकार…
पहला मामला थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। प्रार्थी लीलाधर भांगे, निवासी राजेंद्र नगर बिलासपुर, समाज कल्याण विभाग में नौकरी करते हैं। उन्होंने बताया कि वे 01 सितंबर को हटरी चौक स्थित एसबीआई एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे थे। 4:55 बजे उन्होंने अपने कार्ड से 1,000 रुपये निकाले। उसी दौरान दो अज्ञात युवक वहां आए और बोले कि उनका ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हुआ है, इसे बंद करना होगा। इसी बहाने उन्होंने एटीएम कार्ड बदल दिया। कुछ देर बाद जब लीलाधर ने कार्ड डाला तो पता चला कि कार्ड उनके नाम का नहीं, बल्कि किसी और का है। तुरंत बैंक जाकर खाता होल्ड कराया, तब तक देर हो चुकी थी। स्टेटमेंट में सामने आया कि आरोपियों ने उनके खाते से अलग-अलग किस्तों में कुल 1,08,000 रुपये निकाल लिए हैं।
न्यायालय की क्लर्क आई झांसे में…
दूसरी घटना थाना सिविल लाइन क्षेत्र में घटी। प्रार्थिया नीता मानिकपुरी, जो जिला न्यायालय में क्लर्क हैं, अपने भांजे के साथ न्यायालय के सामने स्थित एसबीआई एटीएम से पैसे निकालने गई थीं। शाम लगभग 7 बजे उन्होंने 10,000 रुपये निकाले ही थे कि दो युवक वहां आए और कहा कि उनका एटीएम प्रोसेस अभी बंद नहीं हुआ है। महिला को गुमराह कर उन्होंने कार्ड बदल दिया। नीता ने जब दोबारा कार्ड इस्तेमाल किया तो पता चला कि कार्ड किसी दीपक लाडिया नामक व्यक्ति का है। इस बीच ठग उनके खाते से 30,000 रुपये निकालकर फरार हो चुके थे। हालांकि, सतर्कता दिखाते हुए महिला ने अपने खाते से शेष 68,312 रुपये तात्कालिक रूप से अपने रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कर शेष राशि सुरक्षित बचा ली। इन दोनों घटनाओं से स्पष्ट होता है कि ठग अब आम नागरिकों को तकनीकी जानकारी के अभाव और जल्दबाजी का फायदा उठाकर शिकार बना रहे हैं। विशेषकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर स्थित एटीएम केंद्र इनके निशाने पर हैं। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 3(5)-BNS और 318(4)-BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हो जाएं सावधान…
एटीएम से लेन-देन करते समय आसपास खड़े अनजान व्यक्तियों की मदद कतई न लें। अपना कार्ड और पिन किसी भी परिस्थिति में दूसरों को न दिखाएं। यदि कोई व्यक्ति मशीन में गड़बड़ी या प्रोसेस का बहाना बनाकर पास आने का प्रयास करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और एटीएम रूम से बाहर निकलकर सीधे बैंक या पुलिस को सूचना दें। बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि एटीएम कार्ड बदलकर की जा रही यह ठगी एक पुरानी लेकिन बेहद सक्रिय चालबाजी है, जिसमें लोग लापरवाही के कारण फंस जाते हैं। ऐसे में अब समय है कि आमजन सावधानी बरतें और पुलिस-प्रशासन भी एटीएम में सीसीटीवी, गार्ड और जागरूकता अभियान बढ़ाए। इस प्रकार, एक ही दिन में हुई दो बड़ी घटनाओं ने चेतावनी दे दी है कि जरा सी असावधानी आपकी मेहनत की कमाई को लूट सकती है। अब जरूरी है कि सभी सतर्क होकर ऐसे अपराधों से खुद को बचाएं।