डेस्क
सड़क हमारे बाप की
जी हां। कुछ ऐसा ही है अब बिलासपुर की सड़कों का नज़ारा। जहां मन किया वहीं गाड़ी लगाई और समान चढ़ाना उतारना शुरू कर दिया। जहां मन किया वहीं रेत, गिट्टी आदि रख दी और तो और बीच सड़क में हीं सीमेंट मिक्सर मशीन लगा ली। अब राहगीर मरते हैं तो मरें वाहन चालक गिरते हैं तो गिरें हमें क्या। इस शहर में न तो निगम काम कर रहा है और न ही पुलिस का यातायात विभाग।
लोग सड़कों का दुरुपयोग करने से नहीं चूक रहे क्योंकि उनको पता है कि कोई बोलने वाला नहीं है। वैसे भी संस्कारधानी में इतने संस्कारी हैं की कोई किसी बात का भी विरोध नहीं करता। चाहे सीवरेज हो या पानी बर्बादी या सड़कों पर जानलेवा तरीके से कब्जा किया हुआ कचरा पेटी और बिल्डिंग मटेरियल। सिंधी कॉलोनी रोड पर तो एक गोडाउन में बीच सड़क पर ट्रक रोक कर माल चढ़ाया उतारा जाता है। इस चक्कर में आने जाने वाले कितना परेशान होते हैं इससे किसी को कोई लेना देना नहीं क्योंकि सड़क तो हमारे बाप की है।
और इस शहर के अधिकारी वहां पाए जाते हैं जहां ज्यादा माल मिलता है। थोड़ी सी दूरी तय करने से बचने के लिए लोग रॉंग साइड आ जाते हैं। उनकी ऐसी हिम्मत इसलिए होती है क्योंकि हमारी चुस्त यातायात के जवान एंट्री वसूली में ही लगे रहते हैं और यातायात को अव्यवस्थित होते देखते रहते हैं।
भगवान जाने कब ठीक होगी यातायात व्यवस्था और निजात मिलेगी सड़कों पर कब्जा किये सामानों, आड़ी टेढ़ी खड़ी गाड़ियों और रॉंग साइड को अपना विशेषाधिकार मानने वाले मूर्खों से।