बिलासपुर

सिम्स में हुई सफल सर्जरी, तीन को दी गई फिर से नई जिंदगी……विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम कर रही काम

भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर-मंगलवार को संभाग के सबसे बड़े शासकीय हॉस्पिटल के काबिल डॉक्टर्स की टीम ने तीन जिंदगियों को मौत के मुँह से बचाया है। यही नही उन्होंने सर्जरी के माध्यम से कई ऐसे अंगों को बचाया है। जो मरीजो के साथ हुए घटना क्रम के बाद बचाया जाना मुमकिन नही था। पहला मामला बलौदा के ग्राम खमरिया का है, जहाँ एक ट्रक चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए रामप्यारे पटेल को ठोकर मार दी। जिससे रामप्यारे को सिर और कान के पास गंभीर चोटें आई थी। इस दुर्घटना के बाद बलौदा के स्वास्थ्य केंद्र से मरीज को सिम्स रीफर किया गया। जहाँ ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती पांडे और स्वाति मित्तल के द्वारा सर्जरी की गई। जिससे मरीज के जान और कान के सुनने की क्षमता को बचाया जा सका। वही दूसरा मामला मस्तूरी के ग्राम सोन लोहर्सी का है।

जहाँ घर के आंगन में खेल रहें चार माह और चार वर्ष के दो मासूमो को पागल कुत्ते ने अपनी दांतो से कटते हुए पंजो से बूरी तरह घायल कर दिया गंभीर हालत में बच्चो को स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए परिजन लेकर गए जहां से उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन बच्चो की स्थिती को देखते हुए उन्हें सिम्स रेफर कर दिया। बताया जा रहा है कि मस्तुरी थाना क्षेत्र के ग्राम सोन-लोहर्सी निवासी सेतबाई पति राम सिंह के 4 माह का पुत्र सूर्या को सुबह घर के आंगन में खेलने के लिए छोड़ कर घर के काम करने में जुट गई। तभी अचानक एक पागल कुत्ते ने घर के आंगन में घुस कर बच्चे को अपनी दांतो में दबोच लिया साथ ही पंजे मारने लगा वहीं पड़ोस में रहने वाले विजय लाल के 4 वर्ष की बच्ची पायल पर भी हमला कर उसे भी बुरी तरह घायल कर दिया बच्चो की चीख सुन परिजनों ने देखा तो पागल कुत्ता बच्चो को नोच रहा था। जिसके बाद तत्काल परिजनों द्वारा पत्थर और डंडे से हमला कर कुत्ते को भगाया गया।दोनों ही बच्चो को सिम्स ईलाज के लिए लाए जाने के बाद तुरंत ही इलाज जहाँ ईएनटी की डॉ.आरती पांडे एवं डॉ श्वेता मित्तल के नेतृत्व में ईलाज किया गया, इसमे बच्चो के चेहरे को विकृत होने से बचाया गया।

समय पर इलाज नही होने से विकृत हो जाते बच्चे

गांव के पागल कुत्ते के हमले के कारण दोनो मासूम बच्चो का चेहरा बुरी तरह चोटिल हो गया था और जख्मो के गहरे निशान पड़ गए थे अस्पताल में भर्ती करने के साथ ही ईएनटी विशेषज्ञों ने बच्चों का तत्काल उपचार शुरु कर दिया जिसके चलते समय रहते ही बच्चो के चेहरे पर टांका मार उनके चेहरे को विकृत होने से बचा लिया गया।

पागल कुत्ते के काटने इलाज के अभाव के हो सकती है मौत..

पागल कुत्ते के काटने से रैबीज या हाइड्रोफोबिया रोग होता है, रेबीज़ एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क का सूजन) इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। पागल कुत्ता तथा अन्य प्रकार के जानवरों के काट लेने पर उसका जहर व्यक्ति के शरीर में फैल जाता है, इस जहर के कारण रोगी के शरीर में कई प्रकार की एलर्जी या फिर कई प्रकार के रोग हो जाते हैं, कभी-कभी तो रोगी पागलों जैसी हरकतें करने लगता है, लक्षण प्रकट होने के बाद, रेबीज़ का परिणाम लगभग हमेशा मौत है, रेबीज़ का एक टीका है जो रेबीज़ की रोक थाम में उपयोग किया जाता है।

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