
भुवनेश्वर बंजारे
रायपुर- प्रदेश के अभयारण्यों के द्वार एक नवंबर से खुल जाएंगे। पर्यटक अब आसानी से अभयारण्यों में घूम कर वन्यजीवों के साथ-साथ प्रकृति का लुत्फ उठा सकेंगे। वन विभाग ने अभयारण्य खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। वन विभाग बारिश में चार माह के लिए प्रदेश के सभी अभयारण्य पर्यटकों के लिए बंद कर दिए थे। राज्य शासन ने एक जुलाई से लेकर 31 अक्टूबर तक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इस दौरान वन्यजीवों का प्रजनन काल होता है। इसके साथ ही अभयारण्यों में सुरक्षा संबंधी काम किए गए हैं। वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रदेश के अभयारण्य एक नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे। गौरतलब कि अभयारण्यों में ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है। ज्यादातर जगहों में ओपनिंग के बाद पार्क पूरी तरह से अभयारण्य के फुल होने का अधिकारियों द्वारा दावा किया जा रहा है। चार माह बाद अभयारण्य पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए विभाग जिप्सी के साथ-साथ तैयारी पूरी कर ली गई है।
जानवरों का होता है प्रजनन काल
बारिश का मौसम अधिकतर वन्य प्राणियों, जीव-जंतुओं का प्रजनन काल होता, इसलिए पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाता है, ताकि वे विचलित न हों, वे स्वच्छंद विचरण कर सकें। बाकी दिनों पर्यटकों की आवाजाही से वन्य प्राणी पर्यटकों की नजरों से बचते-बचाते विचरण करते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि बारिश के सीजन में अभयारण्य के सभी तालाब, पोखर व नाले पानी से लबालब हो जाते हैं। सड़कें टूट जाती हैं, जिससे पर्यटकों को दिक्कत होती है और खतरा भी रहता है। इसलिए हर साल बारिश के मौसम में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
सुरक्षा के किए जाएंगे उपाय
एक जुलाई से पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी, क्योंकि आसपास रहने वाले ग्रामीण अभयारण्यों के भीतर से ही आना-जाना करते हैं। ऐसे में अभयारण्यों की सुरक्षा को लेकर खास उपाय किए किए जाते हैं, जिससे भविष्य में वन्य प्राणियों को कोई दिक्कत न हो।
छत्तीसगढ़ के अभ्यारण्य
बारनवापारा अभयारण्य, भोरमदेव अभयारण्य, भैरमगढ़ अभयारण्य, सेमरसोत अभयारण्य, गोमर्डा अभयारण्य, पामेड़ अभयारण्य, बादलखोल अभयारण्य, तमोर पिंगला अभयारण्य आदि।