
विक्रेता द्वारा गरीब हितग्राही के खाद्यान में ही डाला जा रहा डाका
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार गरीबों को सस्ते मूल्य पर अनाज, शक्कर, मिट्टी तेल उपलब्ध करा रही है. सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर सरपंच और सेल्समैन उनके कर्मचारियों ही पलीता लगा रहे हैं. इससे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. पूरा मामला मस्तूरी जनपद के ग्राम पंचायत कर्रा का हैं. जहां चल रहे शासकीय उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों को मिलने वाली राशन में भारी अनियमितता बरती जा रही हैं. जब राशन वितरण कर रहे कर्मचारी शक्कर को 20 प्रति किलो और मिट्टी तेल (केरोसीन) 40 प्रति लीटर के दर से बेच रहा है, जबकि निर्धारित कीमत कम है.
ये शिकायते भी यहाँ आम है कि सेल्समेन हितग्राहियो का राशन कार्ड और पैसा अपने पास जमा करवा लेता है और घंटों विलम्ब से दुकान खोलता है जिसके चलते सभी हितग्रही सुबह से भूखे प्यासे सेल्समैन का इंतजार घंटों करते रहते है ।
वहीं कई हितग्राहियों से राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए पैसा भी लिया गया है. इतना ही नहीं इलेक्ट्रॉनिक तौल को भी वह अपने घर ले कर चला जाता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार गरीब लोगों को सस्ते मूल्य पर अनाज उपलब्ध करा रही है, लेकिन कर्रा में इसका पालन नहीं हो रहा है. राशन दुकान का संचालन का जिम्मा सरपंच द्वारा गांव के ही मनोज कौशिक को दिया गया है. विक्रेता द्वारा गरीब हितग्राही के खाद्यान में ही डाका डाला जा रहा है।