
मृतक गणेशराम पर ट्रेन के सामने कूदकर जान देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराया है। जबकि हक़ीक़त कुछ और ही है। इससे एनटीपीसी की अमानवीयता उजागर हुई है
सीपत रियाज अशरफ़ी
सीपत-क्षेत्र के ग्राम बिटकुला में खाली मालगाड़ी की चपेट में आने से बिटकुला निवासी गणेशराम सूर्यवंशी पिता पहारुराम सूर्यवंशी उम्र 45 वर्ष की मृत्यु हो गई ।
एनटीपीसी सीपत से कोयला लाने के लिए खाली ट्रेन दीपका के लिए निकली थी। ट्रेन एनटीपीसी से 13 किलो मीटर दूर ग्राम बिटकुला आमनारा के पास पहुची थी कि रेलवे क्रासिंग पार करते समय विकलांग गणेशराम को ट्रेन की आवाज़ सुनाई नही पड़ी और ट्रेन ने उसे अपनी चपेट में ले लिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की 112 की टीम व एनटीपीसी के अधिकारी व रेल्वे ट्रेक के साईड इनचार्ज व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मृत व्यक्ति के परिजनों को 25000 रूपये का तत्काल मुआवजा दिया तब कही जाकर ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया । इससे पहले घटना की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुच गए और एनटीपीसी अधिकारियों से क्रासिंग फाटक व पक्की सड़क की मांग करने लगे। एनटीपीसी अधिकारी जब ग्रामीणों की मांग को अनसुना करते हुए जाने लगे तब ग्रामीणों ने रेल्वे ट्रेक मे बैठकर आंदोलन सुरु कर दिया और नारेबाजी करने लगे। ट्रेक के साईड इनचार्ज मनोज कुमार चौहान के रेल्वे क्रासिंग बनाने का आस्वाशन देने के पश्चात ही शांत हुए ग्रामीणों ने ईस कार्य के लिए एनटीपीसी को 10 दिन की मोहलत देते हुए तय समय सीमा तक कार्य प्रारंभ नही होने पर फिर से आंदोलन करने की बात कही है।।
मृतक गणेशराम सूर्यवंशी को बचपन से सुनाई नही देता था साथ ही वह एक हाथ और एक पैसा से विकलांग भी था। अपना व परिवार का गुजारा आसपास के गांव में भीख मांग कर करता था। रेल्वे क्रासिंग पार करते समय उसे ट्रेन की आवाज़ सुनाई नही दी और वह ट्रेन के चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई।
मामले का दुखद पहलू यह है कि घटना के बाद सीपत पुलिस थाना में एनटीपीसी के अधिकारीअरविंद कुमार पिता उमेश राम ने मृतक गणेशराम पर ट्रेन के सामने कूदकर जान देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराया है। जबकि हक़ीक़त कुछ और ही है। इससे एनटीपीसी की अमानवीयता उजागर हुई है।