
बिलासपुर में आयोजित 18 वे अस्थि रोग विशेषज्ञों के वार्षिक सम्मेलन में एक तरफ जहां देश के चुनिंदा विशेषज्ञ पहुंचे है तो वहीं प्रदेश के नामी-गिरामी अस्थि रोग चिकित्सक भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
शनिवार से बिलासपुर में छत्तीसगढ़ राज्य अस्थि रोग विशेषज्ञों के 18 वें वार्षिक सम्मेलन और शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत हुई। सीजी आईओएकॉन 2019 के इस प्रादेशिक सम्मेलन में देश विदेश से 200 से अधिक विशेषज्ञ जुटे हैं, जिनके द्वारा ऑर्थोपेडिक क्षेत्र में नए शोध और नवीन तकनीकों की जानकारी से इलाज की नविन पद्धति पर व्याख्यान दिए गए। बिलासपुर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिम्स के अस्थि रोग विभाग द्वारा भी एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ,जिसमें बोन मॉडल पर शल्यक्रिया की जानकारी दी जा रही है। यहां फैक्चर इलाज ,हड्डियों के इंफेक्शन, दूरबीन पद्धति द्वारा हड्डी एवं जोड़ के इलाज, रीड की हड्डी के विकार, बच्चों के विकार, घुटने एवं कूल्हे के जोड़ प्रत्यारोपण ,इमेजिंग के साथ छोटे से छोटा चीरा लगाकर और अल्प रक्तस्राव के साथ चिकित्सा करने पर जोर दिया जा रहा है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर जी एस असाटी ने बताया कि विषय विशेषज्ञों की मौजूदगी से चिकित्सकों को नवीन तकनीक की जानकारी मिल रही है वहीं इस दौरान कई कंपनियों ने अत्याधुनिक उपकरण और विषय से संबंधित सामग्री डिस्प्ले की है जिसका भी लाभ शहर के अस्थि रोग विशेषज्ञ उठा रहे हैं
सम्मेलन में देशभर के प्रख्यात अस्थि रोग विशेषज्ञ जुटे हैं, जिनमें डॉ मुरली कट्टन भी शामिल है ।उनके अलावा मुंबई के डॉक्टर अमित अजगांवकर, ग्वालियर के डॉक्टर समीर गुप्ता, नागपुर के डॉक्टर आरएम चांडक जैसे बड़े नाम भी शामिल है ।इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन दे कर विशेषज्ञों ने अलग-अलग विषयों में अपनाई जा रही नवीन तकनीक की जानकारी दी तो वही इस सम्मेलन में शामिल बिलासपुर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गोपेंद्र दीक्षित का मानना है कि इससे मिली जानकारी का लाभ अंततः मरीजों को ही होता है लिहाजा इस तरह के आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है।
इस दौरान मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्रोंओ के लिए क्विज तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। वहीं वार्षिक सम्मेलन के दौरान ही संस्था के नए अध्यक्ष डॉक्टर सुनील खेमका ने पदभार भी ग्रहण किया जिन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए ग्रामीण और उन क्षेत्रों में सेवाएं पहुंचाने का दावा किया जहां विशेषज्ञों की कमी है ।
बिलासपुर में आयोजित 18 वे अस्थि रोग विशेषज्ञों के वार्षिक सम्मेलन में एक तरफ जहां देश के चुनिंदा विशेषज्ञ पहुंचे है तो वहीं प्रदेश के नामी-गिरामी अस्थि रोग चिकित्सक भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।इस दौरान एक बात उभरकर आई कि पूरे प्रदेश में ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट महिला चिकित्सकों का भारी अभाव है। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में एक भी महिला अस्थि रोग विशेषज्ञ नहीं है ,इसके पीछे तर्क यही दिया जा रहा है कि यह विभाग बहुत ज्यादा मेकेनिकल है ,जिसमें नट बोल्ट स्क्रू ,कट आदि की जरूरत पड़ती है।लिहाज़ा महिला चिकित्सक अस्थि रोग विशेषज्ञ बनने के प्रति उत्साह नहीं दिखाती । महिला मरीजों के नजरिए से यह थोड़ी चिंताजनक बात हो सकती है क्योंकि एक महिला मरीज एक महिला चिकित्सक के सामने खुलकर अपनी बात रख सकती है।