
शहर के बिगड़ैल रईस जादे अब भी कोई सबक नहीं ले रहे और ना ही उनके परिजनों पर इन घटनाओं का कोई असर हो रहा है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे का दबाव आख़िरकार काम कर गया। एसपी अभिषेक मीणा द्वारा एसआईटी के गठन से बढ़ते दबाव के चलते आखिरकार शुभम हत्याकांड सुलझता नजर आ रहा है । अब तो यह लगभग साफ हो चुका है कि मिनोचा कॉलोनी निवासी तेंदूपत्ता व्यवसायी गिरजा प्रसाद केसरवानी के इकलौते बेटे शुभम केशरवानी की हत्या उसके ही दोस्त अक्षत श्रीवासन ने की है । असल में दोनों ने गुरुवार की रात पार्टी के नाम पर छक कर शराब पी और रात में दोनों के बीच किसी बात पर बहस हो गई, जो मारपीट में तब्दील हो गई। गुस्से में अक्षत ने ही शुभम की जान ले ली। हत्या करने के बाद अक्षत अपने एक रिश्तेदार के पास पहुंचा था और उसे पूरी बात की जानकारी देने के बाद रायगढ़ भाग गया था। एसआईटी गठन के बाद जब पुलिस ने अक्षत के परिजनों पर शिकंजा कसा तो फिर अक्षत के ही एक करीबी ने बताया कि उसे इस हत्याकांड की जानकारी थी। उसने यह भी दावा किया कि अगले एक-दो दिनों में वह अक्षत आत्मसमर्पण करने आएगा। यह तो लगभग साफ हो चुका है कि अक्षत ने ही शुभम की हत्या, उस रात की थी लेकिन नेहरू नगर निवासी अक्षत ने हत्या क्यों की, इसपर से अभी पर्दा उठना बाकी है। वैसे पुलिस के पास पर्याप्त सबूत है। सीसीटीवी फुटेज में भी अक्षत श्रीवासन भागता नजर आ रहा है। घटनास्थल पर मोबाइल लोकेशन में भी वह पाया गया। अब तो एक गवाह भी सामने आ चुका है। लेकिन हैरानी इस बात की है कि शुभम उस रात अक्षत की मां को खून देने निकला था।
जो दोस्त उसकी मां की जान बचाने के लिए रक्तदान करना चाह रहा हो उसका खून अक्षत ने क्यों बहा दिया, यह पुलिस भी जानने की कोशिश कर रही है । मुमकिन है शराब के नशे में दोनों के बीच गाली गलौज और मारपीट हुई और गुस्से में हत्या कर दी गई ।यह भी मुमकिन है कि किसी पुरानी रंजिश की वजह से अक्षत ने योजनाबद्ध तरीके से शुभम को ठिकाने लगाया हो। अब तक कुछ बातें निकल कर आई है । पता चला है है कि दोनों पार्टनरशिप में बिजनेस करते थे और उनके बीच कोई विवाद था।शुभम ने अपनी बाइक 35000 रुपये में अक्षत के पास गिरवी रखी थी और घटना के दिन ही उसने रकम देकर अपनी बाइक छुड़ाई थी। मुमकिन है इसी दौरान दोनों के बीच कोई गांठ पड़ गयी थी जिसकी परिणति हत्या के रूप में सामने आई। वैसे पुलिस का दावा है कि इस हत्या की जानकारी शुभम और अक्षत के और भी कई दोस्तों को थी, लेकिन सब ने इस मामले को छुपाया । उस रात इनके साथ पार्टी करने वालों में राहुल, विश्वेश, ऋषभ , रक्तिम भी शामिल थे। मुमकिन है इन सभी को मामले की जानकारी थी और इन्होंने ही अक्षत को भागने में मदद भी की हो । पुलिस कह रही है कि जांच के दौरान यह स्पष्ट होने पर इन दोस्तों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी और इन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा । एसआईटी गठन ,इनाम की घोषणा, पुलिस के पास गवाह के पहुंच जाने से से अक्षत के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। लिहाजा वह कभी भी सरेंडर कर सकता है। पुलिस यह तो जान चुकी है कि शुभम की हत्या उसके ही कथित दोस्त अक्षत श्रीवासन ने की है । पुलिस की एक टीम रायगढ़ में भी आरोपी को तलाश रही है । घटना वाली रात शुभम, अक्षत और अन्य दोस्तों ने पहले तो सकरी के पास एक ढाबा में और फिर होटल मिड टाउन में जमकर शराब पी और शायद यही इस घटना के पीछे की मुख्य वजह है। पहले भी गौरांग की मौत शराब की वजह से हो चुकी है। शहर के बिगड़ैल रईस जादे अब भी कोई सबक नहीं ले रहे और ना ही उनके परिजनों पर इन घटनाओं का कोई असर हो रहा है। अक्षत के हाथ लगते ही हत्या के असली कारण से पर्दा उठ पाएगा।