
डेस्क
शनिवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का 415 वा प्रथम प्रकाश परब श्रद्धा भक्ति उत्साह उल्लास के साथ मनाया गया। हलाकि इसकी शुरुआत 29 अगस्त से हो चुकी थी। ।इस विशेष अवसर के लिए अमृतसर दरबार साहिब से हजूरी रागी जत्था भाई कमलजीत सिंह बिलासपुर पधारे थे । जिनके द्वारा प्रतिदिन शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी ज
गयी । श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम प्रकाश परब के सिलसिले में सुबह 5:00 बजे से 7:00 बजे तक पंजाबी कॉलोनी गेट के पास से नगर कीर्तन भी निकाली जा रही थी। शनिवार को भी दयालबंद से नगर कीर्तन जुलूस निकली। आगे-आगे कारसेवक जल छिड़काव और रास्ते की सफाई करते चल रहे थे ,पीछे पीछे कीर्तन मंडली गुरु गुणगान कर रही थी। जैसे ही नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब पहुंचा तो गुलाब की पंखुड़ियां से स्वागत किया गया ।वही 29 और 30 अगस्त सुबह 8:00 से 9:15 और शाम 7:30 से रात 9:00 बजे तक स्थानीय और आमंत्रित हजूरी रागी जत्था गुरबाणी और शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी जा रही थी। वही इस शनिवार को विशेष दीवान सजाया गया । सुबह से ही यहां धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हो गयी थी। सुबह 5:00 से 7:00 बजे तक भाई कमलजीत सिंह ने आशा दी वार दा कीर्तन किया । जिसके पश्चात स्थानीय रागी जत्थे द्वारा शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी गयी। सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक कीर्तन हुआ, जिसके पश्चात हेड ग्रंथि मान सिंह जी द्वारा कथा पाठ की गयी । अरदास पश्चात यहां गुरु के अटूट लंगर का भी आयोजन किया गया
दशम गुरु परंपरा के पश्चात सिख पंथ में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ही अंतिम गुरु मानकर उनकी आराधना की जाती है उन्हीं के प्रकाश पर्व पर बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचे और मत्था टेककर गुरु घर की खुशियां लूटी बाद में साध संगत लंगर में भी शामिल हुए