बिलासपुर

कैसे करें दर्शन महामाई की, बहुत कठिन डगर रतनपुर की

डेस्क

शारदीय नवरात्र आरंभ हो चुका है। और ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि नवरात्र के समय रतनपुर का संपर्क लगभग सभी बाहरी इलाकों से लगभग टूट चुका है। लगातार क्षेत्र में हो रही बारिश ने अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है । इन दिनों रतनपुर एक टापू बनकर रह गया है। खूंटाघाट बांध के ओवरफ्लो से सरवन देवरी कर्रा गांव में घरों में पानी घुस रहा है। रतनपुर कोरबा मार्ग में मुनगा डीह पुल बारिश में बह चुका है। रतनपुर कोटा मार्ग भी बंद होने की स्थिति में है । यहां भी कल्हामार में पुल के ऊपर से पानी बह रहा है।

यही स्थिति पाली की ओर जाने वाली सड़क पर भी है। यहाँ हरियाली ढाबा के पास नदियां खार पुल के ऊपर से पानी बहने से संपर्क टूट चुका है। हर वर्ष नवरात्र में कालरात्रि में मां महामाया के दर्शन करने के लिए चारों दिशाओं से श्रद्धालु रतनपुर पहुंचते हैं। एक ही रात 5 से 7 लाख दर्शनार्थी रतनपुर पहुँचते हैं। विशेष बात यह है कि अधिकांश दर्शनार्थी महामाया के दर्शन के लिए पदयात्रा करते हुए पहुंचते हैं । लेकिन इस बार जैसे हालात बन चुके हैं, उससे यह संभव नहीं लग रहा कि इस वर्ष कालरात्रि में श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए रतनपुर पहुंचे । प्रशासन ने भी बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हाई अलर्ट घोषित किया है।

ऐसे में पदयात्रा करते हुए रतनपुर जाने की कोशिश जोखिम भरा फैसला साबित हो सकता है। बिलासपुर से रतनपुर मंदिर की दूरी करीब 25 किलोमीटर है । अगर हम सीपत चौक से यह दूरी नापे तो करीब 28 किलोमीटर की दूरी में कोनी तक स्थिति सही है, लेकिन आगे सेंदरी से लेकर रानीगांव तक सड़क पैदल चलने लायक है ही नहीं । यहां लंबे वक्त से सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। सड़क विस्तार का यह कार्य कुछ ज्यादा ही लंबा खिंच गया । जिस कारण से यहां की सड़क अस्त व्यस्त है। उस पर बीते 5 दिनों से हुई बारिश ने सड़क का बुरा हाल कर दिया है । जगह जगह बारिश का पानी बह रहा है। गड्ढों में पानी जमा हो चुका है ।रास्ता पूरी तरह पथरीला और कीचड़ युक्त हो चुका है, जिससे पैदल चलने की बात सोची भी नहीं जा सकती । इस सड़क से तो वाहनों का गुजरना भी कठिन साबित हो रहा है ।कई वाहन इसी कोशिश में पलट चुके हैं। वहीं जगह-जगह पानी भरे होने से बगल से वाहन गुजरने की स्थिति में गंदे पानी की बौछार से यात्री नहा जाएंगे। वही पूरे रास्ते में कीचड़ और नुकीले पत्थर होने से इस पर नंगे पांव चलने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस बार पैदल यात्रियों को ध्यान में रखकर प्रशासन ने किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया, यही कारण है कि रतनपुर महामाया देवी के दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों के लिए यह डगर बड़ी ही कठिन साबित होने वाली है।

प्रशासन की योजना थी कि पद यात्रियों के आने से पहले यानी महा सप्तमी से पहले सड़क को दुरुस्त कर लिया जाएगा, लेकिन भारी बारिश से उनका काम पिछड़ गया। इसलिए अब नेशनल हाईवे के अधिकारियों ने सड़क सुधार पाने में अपनी असमर्थता जता दी है। लोगों का कहना है कि अगर सड़क को आने जाने के लिए पहले से सुधारा गया होता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती, लेकिन नेशनल हाईवे के डायरेक्टर नरेंद्र सिंह का कहना है कि अगर वे अस्थाई रूप से सड़क बना भी देते तो भी बारिश में वह सड़क धूल जाती।

इस बार रतनपुर यात्रा हर हाल में दुर्गम साबित होने वाली है । पद यात्रियों के लिए हर तरफ कीचड़ और पत्थर है तो वही कीचड़ के कारण गाड़ियां भी फस रही है । इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही के चलते जगह-जगह बड़े गड्ढे बन चुके हैं। संभल कर यहां गाड़ी चलाने के बावजूद गाड़ियां गड्ढे में फस रही है। कुछ दिनों पहले जो मटेरियल सड़क निर्माण के लिए रखा गया था उनके बहने से भी यहां अजीब सी स्थिति बन चुकी है । इसलिए अगर आप महा सप्तमी की रात हर बार की तरह पदयात्रा करते हुए रतनपुर जाने की सोच रहे हैं तो इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। क्योंकि इस बार रतनपुर की डगर इतनी आसान नहीं है। विकल्प के तौर पर हालांकि आप अशोकनगर, बिरकोना के पास से नहर सड़क पकड़कर खुटाघाट मार्ग पहुंच सकते हैं और वहां से रतनपुर पहुंचा जा सकता है लेकिन मुश्किल यह है कि इस बीच नदियां खार के पुल के ऊपर से भी पानी बह रहा है। इसलिए आप चाहे कोरबा की ओर से, पाली की ओर से, कोटा या फिर बिलासपुर की ओर से रतनपुर पहुंचने की कोशिश करें , हर तरफ बाधाएं बाहें फैलाए आपका इंतजार कर रही है। सड़कों का हाल बेहद खराब है। इस पर से पैदल चलना बेहद कठिन होगा। इसलिए अगर इसके बाद भी लोग पदयात्रा करते हुए जाएंगे तो फिर उनके लिए मुसीबत सड़क पर इंतजार कर रही है। यही कारण है कि इस नवरात्र में पहली बार दर्शनार्थियों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बहुत कम नजर आ रही है और इसके लिए पूरी तरह मौसम और सड़क ही जिम्मेदार है। मंगलवार को हालांकि बारिश नहीं हुई, जिसके बाद कुछ स्थिति बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन बारिश न होने से डूबे हुए पुल पर से पानी उतर सकता है , लेकिन जो सड़क जर्जर और कीचड़ युक्त है, उनके इतने जल्दी बेहतर होने की उम्मीद नहीं की जा सकती । लिहाजा हम यही कहेंगे कि बहुत कठिन है डगर रतनपुर की।

error: Content is protected !!
Letest
बिलासपुर:- गोलबाजार में पुलिस टीम पर हमला...तीन आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज, होलिका दहन के दौरान हुआ विवाद.... युवक पर चाकू से जानलेवा हमला, आरोपी पर मामला दर्ज, पचपेड़ी:- विवाद कर युवक पर हंसिए से हमला....होली के दौरान हिंसक घटना, जमीन के फर्जी दस्तावेज से 1 करोड़ 75 लाख रुपए की ठगी का मामला...1 आरोपी गिरफ्तार, बिलासपुर:- अज्ञात महिला की हत्या की गुत्थी सुलझी, 12 घंटे में आरोपी पति गिरफ्तार...चरित्रशंका बनी हत... भाजपा मल्हार मंडल के अध्यक्ष बने रंजीत सिंह ठाकुर, कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल ठगी की रकम म्युल एकाउंट से निकालने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे....जांच जारी, भाजपा ने बिलासपुर जिले के शेष मंडल अध्यक्षों की घोषणा...इन्हें मिली जिम्मेदारी, अवैध संबंधों की कीमत बनी मौत.... दोस्त ही निकला कातिल, रेलवे ट्रेक पर मिली थी लाश, डिप्टी कलेक्टर नितिन तिवारी बनाये गए कोटा एसडीएम....कलेक्टर ने जारी किए आदेश,