
जुगनू तंबोली
रतनपुर – ठेकेदारों की मनमानी और गुणवत्ता के साथ हुए खिलवाड़ का ही नतीजा रहा कि रतनपुर-कोटा-लोरमी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बना पुल शनिवार को धराशाई हो गया, पुल के टूट कर गिरने से इसकी चपेट में आने से बड़ी अनहोनी हो सकती थी, लेकिन इससे उन निर्माण एजेंसी को क्या फर्क पड़ता है। निर्माण कार्य में की गई भ्रष्टाचार को बयां करती तस्वीरे बता रही है कि उन्हें कैसे बनाया गया है। दरअसल रतनपुर-कोटा- लोरमी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर सिलदहा मोड़ पर चांपी नाले में बनी पुल आज अचानक धराशाई हो गई,
जिसकी वजह से अब इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है, जिन लोगों को अब इस दिशा में जाना है उन्हें वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट होकर जाना पड़ रहा है, जिससे उनकी दूरी बढ़ रही है। मिली जानकारी के अनुसार इस 50 किलोमीटर की सड़क को 2016 में बनाने टेंडर जारी किया गया था, जो निर्धारित 2 वर्ष की समय अवधि से अधिक समय मे पूरा हो पाया था,
वही इसके लिए 106.947 करोड़ रुपए की लागत लगी थी और इसे जिंदल पीआरएल इंफ्रास्ट्रक्चर (जे व्ही ) बिलासपुर के द्वारा निर्माण किया गया था। निर्माण के दौरान किस तरह की मॉनिटरिंग की गई होगी यह इस पुल के हालात से समझा जा सकता है। फ़िलहाल मामले में अब प्रशासन के पाले में इसकी जांच और कार्रवाई का जिम्मा है जो कब तक जाग पाती है, देखने वाली बात होगी।