
रमेश राजपूत
मरवाही- सुदूर वनांचल क्षेत्र मरवाही से सामने आई इस खबर ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब किसी की मदद की जाए कि नही, क्योकि यहाँ की भोली भाली आदिवासी महिलाओं ने ऐसा कर के बहुत बड़ी गलती कर डाली है, जो अब इनके लिए मुसीबत बन चुकी है। दरअसल मरवाही क्षेत्र के दनीकुंडी ग्राम की 24 आदिवासी महिलाएं ठगी का शिकार हुई है जिन्हें किसी और ने नही बल्कि गांव की ही एक अन्य महिला ने अपना शिकार बनाया है।
शातिर महिला का नाम सुकमुन रजक है जिसने पहले तो महिलाओ का समूह बनाया फिर उनके नाम से अलग अलग 7 प्राइवेट बैंको से लोन निकलवाएं और रकम को अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया वही कई से नगद ले लिए। पीड़ित शिव कुमारी ने बताया कि सुकमुन रजक द्वारा कुछ महिलाओं से यह कहकर राशि ली गई कि उसके पति को ट्रक खरीदना है लोन लेकर पैसे दे दो क़िस्त मेरे द्वारा पटाया जाएगा और इसके एवज में तीन हज़ार रु दूंगी जिस पर कुछ महिलाओं ने उसकी मदद करने के उद्देश्य से उसको पैसे दिए इसी प्रकार ठगी की शिकार देवकी बाई ने बताया कि उन लोगो को लोन 7 भिन्न भिन्न प्राइवेट बैंको से स्वीकृत हुए
जो उनके समझ से परे है इसमें निश्चित रूप से सुकमुन रजक ओर बैंक के कर्मचारियों की आपस मे सांठगांठ रही होगी जिसे हम ग्रामीण महिलाएं नही समझ पाई ठगी की शिकार सोहगिया बाई ने बताया कि बैंक के अधिकारी कर्मचारी सब सुकमुन रजक के घर मे ही आते जाते थे और वही पैसा देते तो कुछ खाते में ट्रांसफर करवाते हम सभी लोग सुकमुन रजक की मदद करना चाहते थे और उसकी इस चाल को समझ नही पा रहे थे, वही गायत्री गोंड़ ने बताया कि सब तो ठीक है बैंक वालो के द्वारा लोन के क़िस्त की रकम शुरुवात से ही हम लोगो से सीधे नही ली गई जिसे सुकमुन रजक द्वारा पटाया जाता था जो अब पटाना बन्द कर दी तो बैंक वाले हम लोगो के पास आते है।
इन बैंकों से निकाली गई ऋण राशि
भारत फाईनेंस से – 713000 रुपए
एल एंड टी बैंक से -148699 रुपए
ग्राम शक्ति बैंक से -205116रुपए
स्पंदना बैंक से -90000रुपए
एक्सिस बैंक से -228030रुपए
कविजन बैंक से – 12000रुपए
आर बी एल बैंक से -38160रुपए
इस मामले में मरवाही थाना प्रभारी का कहना है कि शिकायत प्राप्त हुई है, जांच कर आगे कार्रवाई की जाएगी, वहीँ निजी बैंक एल एंड टी बैंक पेंड्रा के ब्रांच मैनेजर का कहना है कि पूरी रकम महिलाओ के समक्ष उनके खाते में डाली गई है, और समझाया गया था कि यह उनके पैसे है। फ़िलहाल महिलाएं अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है, जिनके पास न तो पैसा है न ही कोई और उपाए, सिवाएँ पुलिस शिकायत के जो अपनी शिकायत पर न्याय की फरियाद लगा रही है।