दुर्ग

अंतराज्यीय नशीली दवाईयो के सप्लाई चैन पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई… राजस्थान के कोटा, बुन्दी जयपुर में की गई छापेमारी, 1 आरोपी सहित 1 करोड़ 60 लाख से अधिक का माल जब्त

रमेश राजपूत

दुर्ग – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूखे नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राम गोपाल गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा के निर्देशन में एनडीपीएस के हर एक अपराध में पूरी चैन की गिरफ्तारी की जो मुहीम चलाई जा रही है उसी क्रम में दुर्ग जिले के थाना मोहन नगर में दर्ज अपराध 22 (ग), 27 (क) नारकोटिक एक्ट में विवेचना एवं राजस्थान जाकर आरोपी की पता साजी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणिशंकर चन्द्रा के नेतृत्व में प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक आकांक्षा पाण्डेय तथा निरीक्षक विजय यादव, थाना प्रभारी मोहन नगर, उपनिरीक्षक चेतन चन्द्राकर चौकी प्रभारी जेवरा सिरसा, प्रधान आरक्षक जावेद खान, आरक्षक कांती शर्मा, आरक्षक गौरसिंग राजपुत की विशेष टीम भेजी गयी थी

जिनके द्वारा राजस्थान के बुन्दी में बॉयोलैब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल द्वारा पूरे देश के विभिन्न राज्यों में तथा अंतराष्ट्रीय मार्केट बांग्लादेश में ऑनलाईन माध्यम से फर्जी कम्पनियों को नशीली दवाईयां सप्लाई किया जाता था, जिसको गिरफ्तार किया गया है वही अंकुश पालीवाल द्वारा अवैध रूप से जमा किये गये प्रतिबंधित नशीली टेबलेट और सिरप जप्त किया गया। जिसका अवैध मार्केट में रेट 1,80,44,000रू है। सूखे नशे के खिलाफ छत्तीसगढ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही दुर्ग पुलिस द्वारा की गई है।

भाई – बहन पूर्व में हो चुके है गिरफ्तार…

इसी अपराध में दुर्ग जिला के वैभव खण्डेलवाल एवं आकांक्षा खण्डेलवाल द्वारा इण्डिया मार्ट के साईट में जाकर एक फर्जी कम्पनी वैभव फार्मसिटीकल बनाया गया था जिनके द्वारा राजस्थान के अंकुश पालीवाल से प्रतिबंधित नशीली दवाईयों को मंगाकर ऑनलाईन कम्पनी इण्डिया मार्ट में वाइरस मेडिकोस के नाम से पूरे देश में अवैध रूप से सप्लाई किया जाता था। जबकि उसकी बहन आकांक्षा खण्डेलवाल के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रिटेल में बेचा जाता था। जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी सप्लाई क्रम में जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि डार्क वेब का उपयोग कर उनको पता चला कि किस प्रकार से फर्जी कम्पनी बनाकर अवैध रूप से नशीली दवाईयों का व्यापार कर पैसा कमाया जा सकता है तब उनके द्वारा अंकुश पालीवाल से सम्पर्क कर अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाईयां ऑनलाईन प्राप्त कर अवैध रूप से बिक्री की जा रही थी।

जिन्हें पूर्व में नारकोटिक एक्ट में गिरफतार कर जेल भेजा गया था। वही विवेचना में आरोपी वैभव खण्डेलवाल के मेमोरण्डम में राजस्थान के बूंदी जिले के बायो लेब रेमेडिस से इण्डिया मार्ट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रतिबंधित नशीली दवाईयां बेचने की जानकारी मिली जिस पर अग्रिम विवेचना एवं धरपकड़ के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल एक विशेष टीम गठित कर नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में राजस्थान बुंदी जिले रवाना किया गया।

जहां पर बायोलेब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई जिसमें उसके द्वारा यह स्वीकार किया गया कि उसके द्वारा अवैध रूप से बने कंपनियों को प्रतिबंधित दवाईयो की सप्लाई किया जा रहा था साथ ही उनके द्वारा प्रतिबंधित दवाई की निशानदेही पर दुर्ग पुलिस द्वारा राजस्थान के कोटा, बुन्दी और जयपुर में जाकर छोपेमारी की कार्यवाही की गई, और कुल 1,60,44,000रु से भी अधिक की नशीली टेबलेट एवं सिरप बरामद किया गया है।

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