
करीब 1 साल बाद पकड़े गए हत्या के आरोपी ट्रक ड्राइवर को पुलिस ने शिनाख्त के बाद न्यायालय में पेश कर दिया
सत्याग्रह डेस्क
करीब एक साल पहले 2 जून 2018 की सुबह लोगों ने रतनपुर बिलासपुर मार्ग के रानी गांव भरारी के बीच एक युवक की लाश देखी थी । शुरुआत में उसकी शिनाख्त पुलिस के लिए चुनौती बनी रही, लेकिन काफी कोशिशों के बाद मृत युवक की पहचान उसके दादा ने आकर की। मृतक पाली निवासी विक्रम विक्रांत दास महंत था, जो बांधाखार में रहता था। मृतक की दिमागी हालत सामान्य नहीं थी। वह लंबे लंबे समय तक घर से बाहर रहता था, इसलिए परिजनों को भी यह पता नहीं चलता था कि वह किस हालत में है । इसी दौरान वह ट्रक में खलासी के बतौर काम कर रहा था । पुलिस मृतक की पहचान के बाद उसकी हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुट गई थी। इसी दौरान उसे जानकारी हुई कि ट्रक क्रमांक सीजी 04 जे ए 6911 के चालक ने अपने खलासी के ऊपर मोबाइल चोरी का आरोप लगाकर मारपीट किया था।
जिसके बाद से पुलिस मृतक के साथ चलने वाले चालक की तलाश में जुट गई थी। हत्यारे ड्राइवर की तलाश में पुलिस की टीम रायपुर भी पहुंची थी। जब उसे सूचना मिली थी कि रायपुर का निवासी संतोष सिंह, मध्य प्रदेश के आमादांड में कोयला लोड करा रहा है। पुलिस ने वहां भी छापा मार कार्यवाही की लेकिन पुलिस के आने की खबर मिलते ही आरोपी ट्रक चालक ट्रक छोड़कर भाग खड़ा हुआ था। इस दौरान एक बात अच्छी हुई कि पुलिस को आरोपी की पहचान हो गई और उसकी पूरी जानकारी भी हासिल हो गई लेकिन बिहार के मूल निवासी संतोष सिंह लगभग 1 साल तक पुलिस से बचता फिरता रहा।
2 दिन पहले रतनपुर 112 के कर्मचारियों को सूचना मिली कि हत्या के मामले में फरार संतोष सिंह खंडोबा बाईपास रोड पर अपने पुराने साथियों के साथ गपशप कर रहा है।
1 साल के दौरान संतोष सिंह ने अपना हुलिया पूरी तरह से बदल डाला था और इस वक्त वह जो ट्रक चला रहा था उसमें भी उसने काफी कुछ बदलाव किया था ताकि उसकी पहचान छुप सके, लेकिन पुलिस उसे पहचानने में कामयाब रही और मौका देख कर उसे दबोच लिया। आरोपी संतोष सिंह ने बताया कि वह बिलासपुर में कोयला खाली कर आ रहा था । हत्या के मामले में पकड़ा गया संतोष सिंह मूलतः घर गांव थाना भगवा बिहार का रहने वाला है, जो हत्या के बाद से फरार चल रहा था। पूछताछ में संतोष सिंह ने बताया कि उसे शक था कि मृतक ने उसकी मोबाइल चुराई है जिस संबंध में पूछताछ के दौरान उसने उसकी पिटाई की थी।इससे विक्रांत के चेहरे और गर्दन में गंभीर चोट आने की वजह से उसकी मौत हो गई थी। जिससे डरकर संतोष ने उसकी लाश सड़क किनारे फेंक दी थी और भाग खड़ा हुआ हुआ था करीब 1 साल बाद पकड़े गए हत्या के आरोपी ट्रक ड्राइवर को पुलिस ने शिनाख्त के बाद न्यायालय में पेश कर दिया।