जुगनू तंबोली
रतनपुर – महामाया मंदिर परिसर में बैठी भक्तिन से एक खाकी वर्दी धारी छुट्टे लेने के नाम पर दिन भर की कमाई चिल्हर दो सौ रुपए लेकर चलता बना। घटना के बाद वो खाकी वर्दी धारी को इधर-उधर ढूंढने भटकती रही। वहीं आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज रिकार्डिंग देखने पर खाकी वर्दी धारी की शारीरिक भाषा संदिग्ध लगी। अब ये खाकी वर्दी धारी पुलिस कर्मी है या कोई और जांच में ही सामने आ पाएगा। हांलांकि मामले की शिकायत फिलहाल रतनपुर थाने में नहीं की गई है। भैंसों जेवरा निवासी भक्तिन रतनपुर स्थित महामाया मंदिर परिसर में ही आसरा लेकर अपनी आजीविका चला रही है। मंगलवार की शाम सवा पांच बजे अन्य भिक्षुओं के साथ वीआईपी निकासी गेट की ओर बैठी हुई थी। इसी दौरान खाकी वर्दी में एक आदमी आया और दो सौ रुपए के खुल्ले की मांग की। उसने पांच सौ रुपए होने की बात कहकर उसका चिल्हर कराके दो सौ रुपए लौटाने की बात कही। भक्तिन उसे अपने पास जमा दिन भर की कमाई के चिल्हर दो सौ रुपए दे दिए।
खाकी वर्दी धारी चिल्हर दो सौ रुपए लेकर चला गया। इधर भक्तिन अब अपने दो सौ रुपए के लिए खाकी वर्दी धारी व्यक्ति की राह देखती रही। काफी देर बाद भी उसके नहीं लौटने पर उसे तलाशने इधर-उधर भटकने लगी। काफी देर बाद थक हार कर महामाया मंदिर परिसर स्थित ट्रस्ट कार्यालय पहुंची। वहाँ घटना की जानकारी दी। इसके बाद सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग खंगाला गया तो भक्तिन ने रिकॉर्ड वीडियो में एक खाकी वर्दी धारी अधेड़ की शिनाख्त की। रिकॉर्ड वीडियो में आरोपी खाकी वर्दी धारी की शारीरिक भाषा असामान्य दिख रही है। उसके कमर पर वर्दी में शामिल बेल्ट ढीला लग रहा है। असामान्य चाल में हाथ जोड़ते भी दिख रहा है। खाकी वर्दी धारी पुलिस कर्मी ही है या कोई और इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा। मामले की शिकायत रतनपुर थाने में नहीं की गई है। इस पर जिम्मेदार के साथ पुलिस प्रशासन को संज्ञान लेकर मामले की जांच कर दोषी का खुलासा करना चाहिए। खाकी पर ये दाग अच्छा नहीं है।