
इस दिन कई स्थानों पर शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इसका कारण यह है कि इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिये शुभ माना जाता है

आकाश दत्त मिश्रा
माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप मे वसंत पंचमी के रुप में मनाया जाता है। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है इस दिन कई स्थानों पर शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। इसका कारण यह है कि इस दिन को विद्या आरंभ करने के लिये शुभ माना जाता है। इसी शुभ अवसर पर रेवती देवी सोनकर एजुकेशन एन्ड चेरिटेबल सोसायटी द्वारा एस. एल. एस. एकेडमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यायल की विधिवत शुरुआत विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा अर्चना हवन पूजन कर की।
इस मौके पर रेवती देवी सोनकर एजुकेशन एंड चैरिटेबल सोसायटी परिवार के सभी सदस्य सदस्यों ने एक साथ विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की और हवन पूजन किया शिक्षा के लोकव्यापीकरण की दृष्टि से बजट के अनुरूप तैयार किए गए विद्यालय में बच्चों की शिक्षा और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए संस्कारों को भी प्राथमिकता सुसंस्कारों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई है। संस्था के अध्यक्ष अभिषेक सोनकर ने बताया कि बसंत पंचमी के पावन पर्व के मौके पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ बच्चों को उत्तम शिक्षा देने में अग्रणी एस एल एस एकेडमी की शुरुआत हो चुकी है। मुंगेली जिले के शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने हम संकल्पित है । विद्यालय के प्राचार्य श्री दिलीप ताम्रकार ने बताया कि न्यूनतम शुल्क में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से रेवती देवी सोनकर चैरिटेबल संस्था के द्वारा महानगरों के विद्यालयों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी की गई है। मुंगेली जिले के शिक्षा स्तर को ना केवल राज्य स्तर बल्कि केंद्र स्तर पर ले जाने की लिए रेवती देवी सोनकर एजुकेशन एंड चैरिटेबल सोसायटी एस एल एस एकेडमिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के माध्यम से पूर्णतः तैयार है।
