
डेस्क
रायपुर- राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी प्रकाशपुंज पांडेय ने मीडिया के माध्यम से बेहद ही जरूरी मुद्दे पर सरकार, प्रशासन और छत्तीसगढ़ की जनता का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि कल 22 मार्च 2020 (जनता कर्फ्यू) के दिन शहर के जनप्रतिनिधियों द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर लॉक डाऊन की ड्यूटी पर लगे जवानों और पुलिसकर्मियों को नाश्ता, चाय, सैनिटाइजर, मास्क व पानी उपलब्ध कराया गया। ये आयोजन रायपुर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा किया गया जहां रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे तथा रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे के साथ सद्दाम सोलंकी और बहुत से कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि वहीं दूसरी ओर जनता कर्फ्यू के बीच कल रविवार 22 मार्च 2020 को रायपुर पश्चिम के काँग्रेस के विधायक विकास उपाध्याय ने जरूरतमंद भूखे लोगों को भोजन का पैकेट वितरण किया। शहर में रिक्शेवाले, ठेलेवाले, जो बाहर से यहाँ खाने-कमाने गए हैं और जिनका यहाँ घर भी नहीं हैं उन्हें भोजन का पैकेट वितरित किया गया। रायपुर पश्चिम विधानसभा के AIIMS, आश्रम चौक, महोबाबाज़ार, आमानाका, राजकुमार कॉलेज, मेकाहारा, DKS हॉस्पिटल, शारदा चौक, आज़ाद चौक के पास जाकर जो बाहर से आए हुए हैं या जो गरीब हैं जिनके आज के रात के खाने की व्यवस्था नहीं हो पाई, उन्हें भी भोजन का पैकेट दिया।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि मानवीय रूप से और राजनीतिक रूप से तो इन सभी ने जो किया वह प्रथम दृष्टया सही लगता है। लेकिन जहां एक ओर पूरा देश COVID 19 कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए जनता कर्फ्यू का पालन कर रहा था, वहीं दूसरी ओर शहर के ये कुछ जिम्मेदार प्रतिनिधि जोकि सत्तारुढ़ दल से आते हैं, उनका इस प्रकार से आचरण करना कदापि सही नहीं है और ये लोग स्वयं ही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर सवालिया निशान लगा रहे हैं कि क्या प्रदेश सरकार ने इन लोगों के लिए कोई सहायता या कोई वैकल्पिक इंतजाम जनता कर्फ्यू के दिन नहीं किया था कि इन लोगों को सामने आने की जरूरत पड़ी?
यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है इस पर स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। COVID 19 कोरोना वायरस से बचाव के लिए PHYSICAL DISTANCING की जरूरत है लेकिन क्या कल इस नियम का अनुसरण किया? क्या उन लोगों की जांच की गई जिन्हें इन जनप्रतिनिधियों ने खाने का पैकेट मास्क वगैरह बांटा? क्या उन पुलिसवालों का चेकअप किया गया जो वहां ड्यूटी में तैनात थे? क्या इन जनप्रतिनिधियों ने स्वयं का चेकअप कराया जिन्होंने इन तमाम लोगों को चीजें वितरित किया? अब जरा सोचिए कि ईश्वर न करें कि अगर इनमें से किसी भी व्यक्ति को COVID 19 कोरोना वायरस का संक्रमण अगर है या होता तो कितने बड़े रूप में यह महामारी हमारे रायपुर और छत्तीसगढ़ में फैल सकती है