
रमेश राजपूत

बिलासपुर – कोरोनाकाल में आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें लगातार इंसानियत तार-तार हो रही है कभी पैसे के लिए मरीज को कोरोना संक्रमित बता दिया जाता है। तो कभी ब्रॉड डेड बॉडी को इलाज के लिए भर्ती कर पैसे भी ले लिए जाते हैं और कुछ देर बाद मृत घोषित कर शव को बाहर लावारिस हालत में छोड़ दिया जाता है। इस हाईटेक होते जमाने में शायद इंसानियत मरते जा रही है। वही एक ताजे मामले में सिम्स प्रबंधन का नया कारनामा उजागर हुआ है। जिसमें शुगर और बीपी के पेशेंट को स्ट्रेचर में लिटाने के बजाय उसे जमीन पर लेटने की सलाह दे दी गई, अब इसे सिम्स हॉस्पिटल की लापरवाही कहें या जानबूझकर किया गया काम?, बता दे आज देर शाम गणेश नगर निवासी 40 वर्षीय पुरुष को बीपी और शुगर चेक कराने उनके परिजन सिम्स हॉस्पिटल पहुंचे जहां मरीज को स्ट्रेचर में लिटाने के बजाए जमीन पर ही लेटा दिया गया, आधे घंटे बाद मरीज को स्ट्रेचर मिला और उसकी कोरोना जांच की गई जिसमें गणेश नगर निवासी 40 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई जिसे देर रात अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। लेकिन इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य विभाग के साथ ही स्वास्थ्य कर्मी भी अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित सहित अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज कर रहे हैं जिसे नकारा नहीं जा सकता पर इस तरह के मामले सामने आने से कहीं ना कहीं प्रबंधन पर सवाल उठना तो लाजमी है बहरहाल देर से ही सही पर बीपी और शुगर पेशेंट को हॉस्पिटल में भर्ती तो कर लिया गया है।