
उदय सिंह
बिलासपुर – जिले की सेवा सहकारी समिति सीपत पंजीयन क्रमांक 36 एक बार फिर विवादों में घिर गई है। वर्ष 2023-24 की धान खरीदी में कार्यरत कुल 21 हमालों ने समिति के प्रबंधक अमित कुमार वर्मा और कम्प्यूटर ऑपरेटर रमेश कुमार साहू पर न केवल मजदूरी की राशि दबाकर रखने, बल्कि सैकड़ों बोरी धान को छिपाकर रखने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हमालों की ओर से जिला कलेक्टर को दिए गए लिखित ज्ञापन में बताया गया है कि 2023-24 की धान खरीदी सीजन में उन्हें हमाली का कार्य दिया गया था, लेकिन अब तक शेष कुल 1,21,000 रुपए की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि समिति के प्रबंधक एवं ऑपरेटर ने इस राशि का भुगतान करने में जानबूझकर टालमटोल किया है और अब किसी तरह की जानकारी देने से भी कतरा रहे हैं।
इससे भी अधिक गंभीर आरोप यह है कि इन दोनों कर्मचारियों द्वारा लगभग 400 से 500 बोरी धान को छिपाकर रखा गया है। हमालों के अनुसार, 12 मार्च 2025 को यह धान गाड़ी क्रमांक CG15 5723 में भरकर ग्राम हिंडाडीह के भदरा पारा मोहल्ला स्थित सामुदायिक भवन में ले जाया गया और वहां गुप्त रूप से रखा गया जिसे अवैध रूप से बेचने की कोशिश भी की गई। इससे साफ जाहिर होता है कि इस धान की खरीदी और वितरण में भी भारी गड़बड़ी की गई है। हमालों ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया है कि समिति द्वारा किसानों के नाम पर बैंक में की गई कर्ज लेनदेन (KCC) में भी हेराफेरी के संकेत हैं, जिसकी स्वतंत्र जांच आवश्यक है। उन्होंने मांग की है कि धान की जब्ती की जाए, समिति के दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और मजदूरी की शेष राशि तत्काल प्रदान की जाए।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय आदिवासी समुदाय में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि मेहनत का हक न मिलने और घोटालों के कारण गरीब वर्ग का जीवन और कठिन हो गया है। हमालों का आरोप है कि यह केवल मजदूरी का मामला नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार का संकेत है, जिसे प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए। अब जिला प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पीड़ित पक्ष ने उम्मीद जताई है कि कलेक्टर स्तर से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और उनका मेहनताना उन्हें जल्द से जल्द मिलेगा।