
इस बार भी ब्रह्म उत्सव के लिए मंदिर की खास सजावट की गई है । बिजली की आकर्षक रौशनी से पुरा परीक्षेत्र जगमगा रहा है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
रेलवे क्षेत्र स्थित श्री कोदंड रामालयम एवं श्री वेंकटेश्वरा मंदिर में गुरुवार से छह दिवसीय ब्रह्मोत्सव का आरंभ हुआ । बिलासपुर के रेलवे क्षेत्र स्थित इस मंदिर में करीब 12 साल पहले राजगोपुरम का निर्माण किया गया था। तब से यहां हर 2 वर्ष के अंतराल में ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ब्रम्ह उत्सव के दौरान दक्षिण भारतीय परंपराओं के साथ पूजा अर्चना की जाती है ।यह पूजा अर्चना दक्षिण भारत के बालाजी मंदिर से पधारे पुजारी संपन्न कराते हैं । वहीं दक्षिण भारत के वाद्य यंत्र नाद स्वरम और पखावज की स्वर लहरी पूरे आयोजन के दौरान सुनाई पड़ती है। गुरुवार को हनुमान जी के सिंदूर पूजा के साथ आयोजन का आरंभ हुआ। शुक्रवार सुबह यहां संतान प्राप्ति हेतु पुत्र कामेष्ठी पूजा संपन्न कराई जाएगी। वही सुबह 10 बजे श्री सीताराम कल्याणम अर्थात भगवान राम और सीता का विवाह संपन्न कराया जाएगा। इसी तरह शनिवार 2 मार्च को भगवान बालाजी का कल्याण होगा और 3 मार्च को भगवान सत्यनारायण की कथा की जाएगी। 4 मार्च को रुद्राभिषेकम किया जाएगा ।
यहां प्रतिदिन सुदर्शन हवन में आहुति अर्पित की जाएगी। दक्षिण भारतीय परंपराओं के अनुसार राजगोपुरम का हर 12 वर्ष में कुंभ अभिषेकम किया जाता है। इस वर्ष भी वही अवसर है, इसलिए शुक्रवार सुबह यहां कलश पूजा की जाएगी। सैकड़ों नर नारी पवित्र जल कलशो में भरकर मचान के सहारे राजगोपुरम तक पहुंचेंगे और राजगोपुरम का कुंभ अभिषेक किया जाएगा। यह दृश्य अपने आप में अनोखा होता है । वहीं 2 मार्च की दोपहर नगर परिक्रमा यात्रा निकाली जाएगी। 5 मार्च समापन तिथि पर विशाल भंडारा लगाया जाएगा। प्रतिदिन सुबह पूजा अर्चना के पश्चात शाम को यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। बिलासपुर में बसने वाले दक्षिण भारतीय समाज के लिए यह महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसकी प्रतिक्षा वे 2 साल के अंतराल पर करते हैं । इस बार भी ब्रह्म उत्सव के लिए मंदिर की खास सजावट की गई है । बिजली की आकर्षक रौशनी से पुरा परीक्षेत्र जगमगा रहा है।