
भुवनेश्वर बंजारे
बिलासपुर – जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर के खिलाफ इलाज में बड़ी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। जहा पीड़ित के परिजनों के अनुसार फ्री में होने वाली नसबंदी ऑपरेशन को लेकर जिला अस्पताल कि महिला डॉक्टर द्वारा निजी हॉस्पिटल लांबा करवाकर गलत ऑपरेशन कर दिया गया है। जिसके बाद अब महिला जिंदगी की जंग लड़ने मजबूर है। जहा पीड़ित पक्ष ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित जिला प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है। मामले में मस्तूरी निवासी विष्णु कुमार ने घटना की शिकायत जिला कलेक्टर, एसपी सहित सीएमएचओ कार्यालय में दर्ज करवाई है। जिसमें उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पत्नी सुमन के नशबंदी ऑपरेशन के लिए वह 20 दिसंबर 2024 को जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहा स्त्री रोग विशेषज्ञ वंदना चौधरी ने उन्हे ओपीडी में देखा। जहा खून जांच कराने मरीज को कहा। जब पीड़िता खून जांच रिपोर्ट लेकर 23 दिसंबर 2024 जिला अस्पताल पहुंची तो वहाँ मौजूद डॉक्टर वंदना चौधरी ने परीक्षण करने के बाद उन्हें नसबंदी के लिए अच्छे तरीके से ऑपरेशन होने की बात कहते हुए जरहाभाटा के एसकेबी हॉस्पिटल में ले जाने कहा।

जिनकी बातो में आकर सुमन के परिजन उन्हे उक्त हॉस्पिटल में लेकर भर्ती करा दिए। जहाँ शाम को एसकेबी हॉस्पिटल में महिला की नसबंदी ऑपरेशन डॉक्टर वंदना चौधरी द्वारा किया गया। परिजनों के अनुसार ऑपरेशन के बाद जब सुमन को वार्ड में शिफ्ट किया गया। दर्द और लगातार उल्टियां होने के बाद भी सुमन को 24 दिसंबर को छुट्टी दे दी गई। जब घर जाने के बाद भी देर रात तक महिला दर्द से कराहती रही तो दूसरे दिन वे लोग उसे फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहाँ से उनकी गम्भीर हालत को देखकर उन्हे सिम्स रैफर किया गया। लेकिन परिजनों ने महिला की स्थिति बिगड़ने पर अपोलो हॉस्पिटल ले गए। परिजनों ने बताया कि अपोलो में जांच के दौरान पता चला कि नसबंदी ऑपरेशन के दौरान उसकी आंत कट गई है। जिससे संक्रमण हो गया है और वह मौजूदा हालात में जिंदगी की जंग लड़ रही है। मामले में परिजनों ने एसकेबी हॉस्पिटल, जिला अस्पताल कि डॉक्टर वंदना चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग ज्ञापन के माध्यम से की है। ताकि ऐसी लापरवाही करने का दुस्साहस कोई डॉक्टर ना कर सके।