
आंधी के थमने के बाद सड़क पर टूट कर गिरी पेड़ों की डालियों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है
सत्याग्रह डेस्क
नौतपा के चौथे दिन शाम को अचानक मौसम का मिजाज बदला और शाम करीब 4:00 बजे के आसपास तेज हवा चलने लगी। हवा की गति इतनी तेज थी कि देखते ही देखते रेलवे क्षेत्र में तबाही का मंजर नजर आने लगा। बिलासपुर में वैसे भी अब पेड़ों की तादाद गिनती की रह गई है। ऐसे में रेलवे क्षेत्र की हरियाली ही सुकून देती हैं। अभी भी रेलवे क्षेत्र में काफी हरियाली है जो बड़े-बड़े दरख़्तों की वजह से है, लेकिन मंगलवार शाम को आई 10 से 15 मिनट की आंधी के चलते बड़ी संख्या में पेड़ तबाह हो गए। तितली चौक से लेकर बड़ा गिरजा चौक के बीच ही 2 दर्जन से अधिक पेड़ों की टहनियां और डंगाल टूटकर सड़क पर गिर गए। जिससे यहां यातायात पूरी तरह बाधित हो गया । तेज हवा की वजह से रेलवे नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान की एक दीवार भी ढह गई ।वहीं यहां जारी फुटबॉल मैच के लिए लगाए गए फ्लड लाइट के टावर भी धराशायी हो गए।
तबाही केवल बंगला यार्ड क्षेत्र में ही नहीं हुई बल्कि बुधवारी बाजार से लेकर रेलवे के कई दफ्तरों में लगे पेड़ भी इस तेज आंधी की वजह से उखड़ गए या फिर उनकी बड़ी-बड़ी टहनियां टूट कर सड़क पर गिर गई। वहीं जगह-जगह लगे होर्डिंग, बैनर पोस्टर भी तेज हवा के चलते उड़ गए । 15 मिनट चली अंधड़, अपने पीछे तबाही के नजारे छोड़ गई। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई है । अक्सर नौतपा के दिनों में शाम के वक्त इसी तरह मौसम में बदलाव देखा जाता है। तेज गर्मी की वजह से बने कम दाब के चलते तेज हवा चलती है। मंगलवार शाम को आई अंधड़ की वजह से रेलवे क्षेत्र में मौजूद हरियाली पर व्यापक असर पड़ा है, और यहां बड़ी संख्या में पेड़ों को नुकसान हुआ है।
वही पेड़ों के गिरने से बिजली के तार और केबल के वायर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आंधी के थमने के बाद सड़क पर टूट कर गिरी पेड़ों की डालियों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है।