
रमेश राजपूत
जांजगीर चाम्पा – हिम्मत और जीवन जीने की जीवटता के सामने कोई भी मुसीबत कट सकती है, जिसका जीता जागता उदाहरण राहुल बन गया है, जिसे बचाने रेस्क्यू टीम को 108 घण्टे तक लगातार ऑपरेशन चलाना पड़ा है, और राहुल को बचा लिया गया।
प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर दुआएं की जा रही थी और हुआ भी वही जिला प्रशासन,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों ने आखिरकार जीत हासिल कर ली।
फ़िलहाल राहुल को चिकित्सकों की निगरानी में अपोलो अस्पताल ले जाया जा रहा है, जहाँ उसका उपचार किया जाएगा।
शुक्रवार को 2 बजे की घटना…
जांजगीर चाम्पा जिले के मालखरौदा क्षेत्र के पिहरिद गांव का 10 वर्षीय राहुल साहू पिता राम साहू रोज की तरह शुक्रवार दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था । दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला ।
परिजन भी इस बात से बेखबर थे । पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला , जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी । गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है ।
बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा था, और बच्चा लगभग 65 फीट गहराई में फंसा था। जिसके बाद लोग मौके पर जुटते गए और फिर जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई थी।
मुख्यमंत्री ने पूरे रेस्क्यू मिशन पर रखी नज़र और दिए निर्देश
इस मामले के सामने आते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गंभीरता से राहुल को बचाने हर संभव प्रयास करने निर्देश देते रहे और पल पल का अपडेट लेते रहे उन्होंने अधिकारियों सहित राहुल के परिजनों से भी बात की और उन्हें आश्वासन दिलाया कि राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
रोबोट की ली जा रही थी मदद
इस गंभीर रेस्क्यू ऑपरेशन को डील करने के लिए गुजरात से रोबोटिक्स विशेषज्ञ को भी यहाँ बुलाया गया था, जहाँ रोबोट की मदद से राहुल को बाहर निकालने कोशिश की गई, लेकिन राहुल के डर जाने और तकनीकी खामियों की वजह से रोबोट की मदद नही मिल सकी।
चट्टान बनी मुसीबत…
राहुल को रेस्क्यू करने के दौरान गहराई में खुदाई के बाद जो दीवार राहुल और बचाव दल के बीच आई थी वह चट्टान समस्या खड़ी कर रही थी,
जिसे ड्रिलर और मैनुअल दोनों ही तरीको से काटा गया जिसके वजह से ही जो समय का अंतराल था वह बढ़ने लगा था।