
डेस्क
वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के नाम पर वन विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च तो किये जा रहे है,लेकिन पथरिया क्षेत्र में कुत्तों के हमले से लगातार हो रहे चीतल की मौत पर वन विभाग उदासीन लग रहा है,इसी तरह की घटना फिर से घटी है। वन विभाग की लापरवाही कहे या अनदेखी क्योंकि इन दिनों मुंगेली के विकासखंड पथरिया के ग्राम बकबुडवा में लगातार हिरणों पर आवारा कुत्तों के हमले हो रहे है।शायद यही वजह ही कि अब तक दर्जन भर हिरणों की मौत हो चुकी है,बावजूद इसके वन विभाग की ओर से हिरणों की सुरक्षा को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है।आपको बता दें हर साल बरसात के आगमन के साथ कुत्तों के हमले से चीतलों की मौत होती आ रही है।इसके बावजूद भी वन विभाग वन्य जीवों के सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा है,और कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं कर पा रही है,इनकी मौत की प्रमुख वजह जंगलों में असुरक्षा और पानी की व्यवस्था का न होना बताया जा रहा है,इसी तरह फिर से हिरन के मौत का मामला मुंगेली जिले के पथरिया विकासखण्ड के ग्राम बगबुड़वा में हुआ है।बताया जाता है कि काफी साल पहले कानन पेंडारी से भागकर आए सैकड़ों हिरण का बगबुड़वा गांव के खेतों में रहवास रहा हैं,जहां साल दर साल हिरणों की संख्या बढ़ती गई, मगर वन विभाग की ओर से वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में अब तक कोई सार्थक पहल नहीं किया गया है,और यही वजह है कि हिरणों के लिए गर्मी से बचाव,पानी की व्यवस्था सहित सुरक्षा के पर्याप्त व्यवस्था नहीं है,जिसके चलते वन्य प्राणियों की टुकड़ियों में शामिल होकर हिरण भी लगातार जंगल छोड़कर आसपास के ग्रामीण क्षेत्र पहुंच रहे है।बताया तो यह भी जा रहा है कि हिरनों के झुंड के लिए वन विभाग की ओर से केज बनाई जानी थी,जहाँ से हिरणों समेत अन्य वन्य जीवों का झुंड बाहर ना जा सके,लेकिन आजतक ना ही केज बन सका और ना ही वन्य जीवों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो सकी है।
एक तरफ जहाँ वन विभाग जगह जगह स्लोगन लिख कर वन्य जीवों को संरक्षित करने की तो बात कर रहा है,लेकिन सायद वन्य प्राणियों पर अमल करना भुल सा गया ही।तभी तो इन दिनों विभाग की लापरवाह रवैये के चलते वन्य जीव बेमौत मारे जा रहे है,जिसको लेकर ना तो विभाग गम्भीर है ना ही प्रशासन।