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कहते हैं मोहब्बत में अमीरी गरीबी, ऊंच-नीच और जाति पाति कोई मायने नहीं रखती, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी ऐसी बातें मोहब्बत के बीच दीवारें खड़ी करती है और इसी वजह से बिलासपुर में एक युवक की हत्या कर दी गई। हैरानी इस बात की है कि युवक की हत्या का आरोप उसकी ही प्रेमिका और उसकी मां पर लग रहा है। मामला जितना हैरान करने वाला है, उतना ही पेचीदा भी है, और इस मामले में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है ।मझवा पारा में रहने वाला दिनेश श्रीवास सैलून चलाया करता था ।पहले वह मन्ना डोल में रहता था और वही उसका सैलून भी था। कहते हैं वही रहने वाली एक युवती से उसका प्रेम संबंध बन गया था लेकिन चुकी दिनेश जाति से नाई और युवती जाति से लोधी थी इसलिए युवती के परिजन इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे। दिनेश जिस युवती से प्रेम करता था, वह नाबालिग भी थी और इस मामले में दिनेश के खिलाफ छेड़छाड़ और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे। सिरगिट्टी थाने में दर्ज कराए गए आरोप की वजह से दिनेश को 1 सप्ताह जेल में भी रहना पड़ा था। कहते हैं इसी बीच दिनेश की कथित प्रेमिका का प्रेम संबंध किसी और युवक से बन गया और वह खुद दिनेश से पीछा छुड़ाने की योजना बनाने लगी।
19 जून को जब दिनेश पेशी के लिए कोर्ट गया था तो वही युवती, उसकी मां चमेली बाई और उसका भाई पहुंचे और दिनेश को झांसा देकर ऑटो में बिठाकर अपने साथ लेकर चले गए। इसके बाद से ना तो दिनेश का कुछ पता था और ना ही उसकी कथित प्रेमिका का। इधर दिनेश द्वारा युवती को भगाकर ले जाने का आरोप युवती के परिजनों ने थाने में दर्ज करा दिया ,वही दिनेश श्रीवास के परिजन भी बार-बार उसके गायब होने की शिकायत लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें यहां इस टेबल से उस टेबल घुमाती रही। मामला गंभीर था और यहां सिविल लाइन पुलिस बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करते हुए दिनेश श्रीवास के परिजनों को इधर से उधर घुमाती रही। आखिरकार दिनेश की मां नूतन श्रीवास ने इसकी शिकायत आईजी प्रदीप गुप्ता से की जिन्होंने मामले में दखल देते हुए तुरंत कार्यवाही की बात की।
जैसे ही आईजी का निर्देश प्राप्त हुआ अचानक सिविल लाइन पुलिस हरकत में आ गई और घटना की तारीख के फुटेज निकाले गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि दिनेश श्रीवास को लेकर उसकी प्रेमिका, उसका भाई और उसकी मां नेहरू चौक से एक ऑटो में बिठाकर जबरन ले गए थे। पुलिस का यह भी दावा है कि दिनेश और उसकी प्रेमिका के गायब हो जाने के बाद जब दोनों के मोबाइल फोन ट्रेस किए गए तो दोनों ही एक ही स्थान पर बता रहे थे। जिससे उन्हें भी शक हुआ कि दोनों साथ साथ कहीं भाग गए हैं ,लेकिन इसी बीच नूतन श्रीवास ने जानकारी दी कि दिनेश की प्रेमिका वापस अपने घर लौट आई है लेकिन दिनेश का कोई अता पता नहीं है। दिनेश की मां ने यह भी बताया कि दिनेश की कथित प्रेमिका के ही पास दिनेश श्रीवास की 20000 रुपए कीमत की मोबाइल मौजूद है ।यह खबर लगते ही सिविल लाइन पुलिस उस नाबालिग को पकड़कर थाने ले आई और कड़ाई से पूछताछ करने लगी। शुरू में तो युवती पुलिस को गुमराह करती रही, लेकिन सख्ती के बाद आखिरकार वह टूट गई और फिर उसने लव और धोखा की जो कहानी सुनाई उसे सुनकर पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए।
उसी ने बताया कि अब वह खुद दिनेश से पल्ला झाड़ना चाहती थी, इसलिए उसने योजनाबद्ध तरीके से दिनेश से मुलाकात की और उसे लेकर सकरी के गोकने नाले के पास एक बंद पड़े ढाबे की टेरेस पर ले गई। सुनसान इलाके में भगत सिंह ढाबा के आस पास कोई आता जाता नहीं था और चारों तरफ गंदगी होने से लोग फटकते तक नहीं थे। कहते हैं 19 जून की रात दिनेश के साथ उसकी प्रेमिका और प्रेमिका की मां चमेली बाई काफी वक्त तक रही। और दोनों उसे समझाते रहे लेकिन दिनेश श्रीवास के सर पर तो इश्क का भूत सवार था। उसने अपनी प्रेमिका के साथ ही शादी करने की रट लगा रखी थी । इसी बीच उसे झपकी आ गई और तभी उसकी प्रेमिका और उसकी मां ने उसके सिर पर छत पर ही मौजूद पत्थर से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से दिनेश श्रीवास के सर के कई टुकड़े हो गए और उसकी वहीं मौत हो गई । जिसके बाद चमेली बाई और उसकी बेटी दोनों वहां से फरार हो गए।
वहीं छत पर दिनेश श्रीवास की लाश पड़ी रही जो लगातार सड़ती रही और उसे चील कौओं ने नोच नोच कर खाया लेकिन आसपास गंदगी होने की वजह से किसी को लाश के सड़ने की गंद तक नहीं आई।
दिनेश श्रीवास की नाबालिग प्रेमिका द्वारा इकबाल ए जुर्म के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उन्हें छत पर दिनेश श्रीवास की सड़ी गली लाश मिली। इस ऑनर किलिंग में दिनेश की कथित प्रेमिका के साथ उसकी मां चमेली बाई को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
इस घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका भी बेहद गैर जिम्मेदाराना रही। घटना 19 जून को हुई और पुलिस ने आईजी के दखल के बाद 4 जुलाई को एफ आई आर दर्ज किया। इस बीच मृत युवक के परिजन सिर्फ थाने के चक्कर लगाते रहे ।अगर पुलिस उसी वक्त सक्रिय होती तो भले ही युवक की जान ना बचा पाती लेकिन परिजनों को उसका मृत शरीर तो सही सलामत मिल जाता और हत्यारे भी भी पुलिस के हाथ लग जाते। लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते ही ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया ,जिसे लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। वही अपनी खोई साख बचाने गुरुवार को मौका ए वारदात पर सिरगिट्टी ,सिविल लाइन और सकरी की पुलिस पहुंच गई। लोगों में पुलिस की लापरवाही को लेकर खासा आक्रोश नजर आया। करीब महीने भर तक एक युवक की लाश बंद ढाबे की छत पर सड़ती रही और पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करना भी जरूरी नहीं समझा। पुलिस की टालमटोल रवैया के चलते ही हत्यारे मजे से घूमते रहे और हत्यारों ने खुद झूठी कहानी रच कर मृतक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी और हैरानी इस बात की कि पुलिस ने दर्ज भी कर ली। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल तो उठने ही थे। अगर मामले में आईजी ने दखल नहीं दिया होता तो शायद गुरुवार की कार्यवाही भी ना होती। ऑनर किलिंग के मामले में प्रेमिका की बेवफाई भी शुमार है। जिस कारण से दिनेश श्रीवास को अपनी जान गंवानी पड़ी। अपनी प्रेमिका की वजह से ही सैलून चलाने वाला दिनेश श्रीवास ड्राइवर बन कर वाहन चलाने लगा था। लेकिन खुद उसकी जिंदगी की गाड़ी यूं बीच भंवर में फंस जाएगी यह शायद उसने भी नहीं सोचा था। जैसे ही लोगों को बंद ढाबे की खंडहर नुमा इमारत में लाश होने की खबर लगी, वहां मजमा सा लग गया । 19 जून से लापता दिनेश श्रीवास की सड़ी गली लाश से ही उसके परिजनों को संतुष्ट करना पड़ा है जिसे लेकर उनके परिजनों में भी खासा रोष है।
मामला बेवफाई का तो है ही, साथ ही छोटी बड़ी जाती की वजह से भी दिनेश की हत्या करने के दावे किए जा रहे हैं। दिनेश श्रीवास के सर पर जिस युवती के इश्क का भूत सवार था, वो खुद समझ नहीं पाया कि उसकी निगाह कब की बदल चुकी है और उसकी प्रेमिका खुद उस से पीछा छुड़ाने के लिए खतरनाक मंसूबे सजा रही है ।