
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – जिले में निजी स्कूलों के फीस वसूली के मामले को लेकर अब पालक संघ आंदोलन का रुख अख्तियार करने में जुटा है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा निजी स्कूलों में फीस वसूली के मसले में उचित कार्यवाही नही होने से आक्रोशित सर्व स्कूल अभिभावक एवं विद्यार्थी कल्याण संघ ने गुरुवार को अनुविभागीय अधिकारी बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा कर 8 सितंबर को आंदोलन करने की सहमित मांगी है। इस दौरान उपस्थित पालक संघ के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के बड़े निजी स्कूलों द्वारा कलेक्टर बिलासपुर के आदेश दिनांक 13-05-2019 का पालन न करते हुए सभी मदों के शुल्क को जोड़कर ट्यूशन फीस बता कर फीस जमा किये जाने दबाव बनाया जा रहा है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाए, ठीक इसके विपरीत स्कूल प्रबंधन द्वारा ऑनलाईन शिक्षा स्थगित कर बच्चों को अनिवार्य शिक्षा के अधिकार से वंचित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार सीबीएसई के बाइलार्ज के अनुसार स्कूलों के पास स्कूल संचालन हेतु रिजर्व फण्ड होना आवश्यक है, लेकिन किसी भी स्कूल द्वारा उनके पास उपलब्ध रिजर्व फण्ड की घोषणा नहीं की गयी है, और ना ही कितना रिजर्व फण्ड किस स्कूल के पास है यह बताया गया। मात्र एन केन प्रकारेण अभिभावको से फीस वसूल करने हेतु अभिभावकों पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है। जिससे अभिभावक बल्कि बच्चे भी प्रताड़ित हैं। कुछ बच्चों को ऑनलाईन कक्षा से पहले ही वंचित किया जा चुका है तथा बच्चों से बोर्ड का परीक्षा फॉर्म तक नहीं भराया गया है। जिससे बच्चे प्रताड़ित हो रहे हैं। वही इस पूरे मामले में प्रशासनिक अमले की चुप्पी पालक संघ के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। जिनकी मुश्किलें फिलहाल कम होती नजर नही आ रही है।
ट्यूशन फीस देने नही है कोई समस्या,, डीईओ के अनुशंसा के बगैर वसूले जा रहे भारी-भरकम फीस का कर रहे विरोध…

सर्व स्कूल अभिभावक एवं विद्यार्थी कल्याण संघ के अनुसार अभिभावक ट्यूशन फीस जमा करने को तैयार है किन्तु उल्लेखनीय तथ्य यह है कि अधिकांश स्कूलों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी से बिना अनुमोदन कराये ही फीस वसूल की जा रही है। शिक्षण सत्र 2019-20 का फीस अनुमोदित ही नही है। लगभग सभी स्कूलों की मान्यता पर भी सवाल है कि एक ही मान्यता से कई ब्रांच संचालित हैं इन पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का अंकुश नही लगाया जा सका है।