
आलोक
शहर में होने वाले समस्त विकास कार्यो को संचालित करने की जिम्मेदारी नगर निगम बिलासपुर के पास है। लेकिन शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाये रखने के लिए निगम के पास राशि का अभाव है। राज्य शासन से निगम को पर्याप्त फण्ड नही मिल पा रहा है। वही मुख्यमंत्री के द्वारा विकास कार्यो के लिए घोषित दस करोड़ रुपये की राशि आबंटित तो कर दी गई है। लेकिन शहर के दृष्टिकोण से यह राशि काफी कम है। वही विपक्ष भी राज्य सरकार के द्वारा शहर विकास को ठप करने का आरोप लगा रहा है।
विधानसभा चुनाव के पूर्व जिस तरह से शहर के विकास को लेकर कार्य शुरू कराए गए थे। उसके बाद यह लगने लगा था कि प्रदेश का दूसरा बड़ा शहर बिलासपुर अपनी खूबसूरती के लिए प्रदेश में जाना जाएगा। इसके लिए कई योजना के साथ नए कार्यो को स्वीकृति प्रदान की गई। जिससे शहर का कायाकल्प किया जा सके। लेकिन विधानसभा चुनाव में सत्ता बदलते ही शहर का विकास कार्य ठप पड़ गया। सभी बड़ी परियोजनाएं अधूरी पड़ी है। वही शहर विकास के लिए भी जो फण्ड जारी होता है उसमे भी भारी कटौती कर दी गई है। जिससे शहर वापस बदहाल होता जा रहा है। हालाँकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अपने बिलासपुर दौरे में निगमो को विकास कार्यो के लिए दस करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। जिसमे महत्वपूर्ण विकास के कार्यो को पूरा किया जा सके। लेकिन निगम के 65 वार्डो के लिए यह राशि इतनी कम है कि कही भी विकास कार्य सही तरीके से नही हो पाएगा। शहर के विकास कार्य के लिए पार्याप्त फण्ड नही मिलने को अब विपक्ष यानी भाजपा ने मुद्दा बना लिया है। भाजपा शासनकाल में जितनी राशि शहर विकास के लिए मिलती रही है। अगर उतनी राशि निगम को उपलब्ध करा दी जाए तो योजनाओ के साथ विकास कार्य मे बाधा उत्पन्न नही होगी। लेकिन शहर के विकास कार्यो के साथ शासन ने समस्त पार्षद निधि को भी बंद कर दिया है। जिससे पार्षद अपने वार्ड में छोटे काम भी नही करा पा रहे है। आने वाले दिनों में नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया की बैठक बिलासपुर में आयोजित होने वाली है। ऐसे में समस्त पार्षद अपनी समस्या को निकाय मंत्री के सामने रखकर उसके समाधान के लिए कहेंगे।
निश्चित तौर पर नगर निगम का दायरा काफी बड़ा है। ऐसे में निगम को अगर पर्याप्त फण्ड नही मिलेगा। तो शहर में चल रहे विकास कार्य तो बंद होंगे ही। साथ ही रखरखाव नही होने से शहर भी उजाड़ नज़र आएगा। ऐसे में शासन शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाये रखने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध कराए जिससे विकास कार्यो में किसी तरह की बाधा न हो।