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बुधवार को रायपुर के बेबीलोन होटल में 15वें वित्त आयोग की बैठक में मेयर किशोर राय शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण के लिए राशि उपलब्ध कराने के सुझाव दिए।
बैठक में मेयर किशोर राय ने राज्य एवं केंद्र शासन की बड़ी योजनाएं जैसे अमृत मिशन, सिवरेज, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, आरडीएफ प्लांट आदि के परिचालन एवं संधारण और मेनपावर के लिए राशि उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों का घुमने के साथ आवारा कुत्तों की समस्या बढ़ गई है। मवेशियों को रखने के पर्याप्त जगह के साथ मवेशियों के लिए चिकित्सा, चारा और पानी की व्यवस्था जरूरी है। इसी तरह आवारा कुत्तों की आबादी रोकने के लिए बंध्याकरण करना आवश्यक है, लेकिन निगम के पास राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण इन कार्यों में दिक्कत होती है। इसलिए 15वें वित्त में आवारा मवेशी को रखने एवं कुत्तों के बंध्याकरण की राशि का प्रावधान भी करना चाहिए। इसी तरह मेयर श्री राय ने नदियों को प्रदुषण मुक्त करने, जल को संरक्षित करने के लिए पीपीपी माॅडल पर केंद्र व राज्य सरकार मिलकर एक अच्छी योजना बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि शहरों में गहराते जल संकट से निबटने तालाबों को प्रदुषण मुक्त करने, तालाबों में भरने वाले पानी को ट्रीटमेंट करने एवं रिसाइकिलिंग करना की ओर भी ध्यान देने की आवश्यक है। तालाबों में स्वच्छ पानी के संरक्षण से शहर का भूगर्भ जल स्तर बना रहेगा और गर्मी के दिनों में बोर फेल होने या पानी की दिक्कतें की समस्या कम होगी। अरपा नदी एवं शहर के सभी तालाबों में स्वच्छ जल संरक्षण के लिए भी मेयर श्री किशार राय ने 15वें वित्त आयोग के तहत राशि उपलब्ध कराने की मांग की।
15वें वित्त आयोग की बैठक में मेयर किशोर राय ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास आबंटन उपरांत 75 हजार रुपए की राशि लेने संबंधित बातों पर भी सभी का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला एक गरीब रोजी मजदूरी कर बहुत मुश्किल से दो वक्त के लिए भोजन जुटा पाता है। ऐसे में उससे आवास के बदले एक मुश्त 75 हजार रुपए लेना उचित नहीं है। मेयर श्री राय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आबंटन व्यवस्था में हितग्राहियों से लेने वाले राशि का सरलीकरण करने की मांग की।