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पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है । एक के बाद एक मामलों में वे घिरते नजर आ रहे हैं। अंतागढ़ मामले में भी ताजा घटनाक्रम अजीत जोगी के लिए संकट पैदा करते नजर आ रहे हैं । इस मामले में जिला न्यायलय में मंतुराम पवार ने आज अपना बयान दर्ज कराते हुए स्पष्ट कर दिया है, कि 7 करोड़ रुपये में डील हुई थी. डील में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी शामिल थे. मतुराम ने कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज कराते हुए कहा, कि अंतागढ़ उपचुनाव मैदान से हटने को लेकर उन पर काफी प्रेशर था. चुनावी मैदान में हटने के बाद से वे बेहद प्रेशर में रहे. उन्हें हमेशा इस बात को लेकर आत्मग्लानि रही.
बता दें कि अंतागढ़ टेपकांड मामले में किरणमई नायक की शिकायत पर पंडरी थाने में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. IPC 1860 की धारा 406, 420 171-ई, 171-एफ, 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 9 और 13 के तहत भी मामला दर्ज है.
ये है पूरा मामला
साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था. वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतू राम पवार को प्रत्याशी बनाया था. भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे. नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया था. बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था. आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई. टेपकांड में कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत बताई गई थी.