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बाल सुधार गृह में सुरक्षा व्यवस्था कितनी होती है, यह कई बार साबित हो चुकी है। वैसे तो नाबालिग अपराधियों को उनमे नैतिक सुधार के लिए सरकंडा स्थित बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाता है लेकिन कभी यहां से बच्चे भाग जाते हैं तो कभी बच्चे मौत को गले लगा लेते हैं। एक बार फिर यहां की अव्यवस्था उजागर हुई है । यहां चोरी के आरोप में निरुद्ध एक बालक ने फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह कर्मचारियों और वार्डन ने यह नजारा देखा। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई लेकिन मामले की लीपापोती भी शुरू कर दी गई और मीडिया तक को अंदर जाने नहीं दिया गया । बताया जा रहा है कि जिस बच्चे ने फांसी लगाकर खुदकुशी की है वह आदतन अपराधी था और इससे पहले भी चार-पांच बार उसकी गिरफ्तारी हो चुकी थी । गैरेज में काम करने वाले नाबालिग को पुलिस ने 1 सप्ताह पहले चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि इस दौरान परिजन उससे मिल भी नहीं पाए। वैसे तो नाबालिग कई बार बाल संप्रेक्षण गृह आ चुका था, लेकिन पता नहीं इस बार ऐसी क्या परिस्थितियां बन गई कि उसने जान देने की ठान ली । शायद परिजनों के साथ नहीं मिल पाने से वह परेशान था और इस कारण उसने यह कदम उठाया। हालांकि सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी । इस मामले में नाबालिग के पिता ने मौके पर पहुंचकर बाल सुधार गृह में मौजूद अव्यवस्था और खामियों में सुधार की बात कही है। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि यहां की अव्यवस्थाओं के चलते उन्हें अपना बेटा खोना पड़ा है लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए।
व्यवस्थाओं में इतनी सुधार की गुंजाइश तो है ही जिससे यहां रहने वाले बच्चे इस तरह का कदम ना उठाएं और उनकी सुरक्षा पर निगाह रखी जाए। वैसे कहने को तो यहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं,लेकिन उनकी निगरानी करने वाला कोई नहीं है। शाम के बाद सब अपने आप में व्यस्त हो जाते हैं और बच्चों को खाना खिलाने के बाद वे क्या कर रहे हैं इस पर खास ध्यान नहीं दिया जाता । भले ही क्षेत्र प्रतिबंधित हो लेकिन यहां सुरक्षा की व्यवस्था हमेशा आलोचना का विषय रही है । एक बार फिर खामियां उजागर होने के बाद अधिकारी अपना दामन बचाने पूरी ताकत लगा रहे हैं।