
डेस्क
सिख पंथ के अष्टम गुरु आठवीं पातशाही श्री गुरु हरिकिशन साहिब जी का पावन प्रकाश पर्व इस शुक्रवार को श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। सुबह भजन कीर्तन के पश्चात शाम को दयालबंद स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में विशेष दीवान सजाया गया। यहां हजूरी रागी जत्था मनिंदर सिंह, मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मानसिंह , अमृतसर से पधारें कथावाचक जसविंदर सिंह दर्दी और सतनाम सिंह द्वारा शबद कीर्तन और प्रवचन की प्रस्तुति दी गयी। अष्टम गुरु श्री हरिकिशन साहिब जी के जन्मोत्सव पर बड़ी संख्या में बिलासपुर के सिक्ख समाज के अनुयायी गुरुद्वारा पहुंछे और श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे शीश नवाकर साध संगत ने गुरु घर की खुशियां प्राप्त की।
पंजाबी सेवा समिति के इस धार्मिक अनुष्ठान के साथ कई सामाजिक आयोजन भी किए गए । तीन दिवसीय आयोजन के तहत सभी को पौधे का दान किया गया ताकि शहर में हरियाली का सृजन किया जा सके। वही आयोजकों द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया । साथ ही निशुल्क नेत्र जांच शिविर में भी बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने अपने आंखों की जांच कराई। अरदास के पश्चात यहां गुरु के अटूट लंगर का आयोजन किया गया । इस वर्ष श्री गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है , जिसकी तैयारियों में कई संसाधन जोड़े जा रहे हैं ।
बिलासपुर के श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा दयालबंद में पंजाब के अमृतसर से विशेष रोटी मेकर लाया गया है। करीब नौ लाख रुपए की लागत वाली रोटी मेकर से मात्र 1 घंटे में ही साढ़े तीन हज़ार रोटियां तैयार की जा सकती है। छत्तीसगढ़ का यह एकमात्र गुरुद्वारा है, जहां यह अत्याधुनिक रोटी मेकर प्रयोग की जा रही है । श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष अमरजीत सिंह दुआ ने बताया कि इससे पहले लंगर की तैयारी 24 घंटे पहले करनी पड़ती थी और ढेरों लोग मिलकर कई घंटों के अथक परिश्रम से रोटियां तैयार करते थे। लेकिन अब इस हाइटेक रोटी मेकर के यहां उपलब्ध हो जाने से समय और श्रम की बचत होगी और लोगों को तुरंत बड़ी संख्या में ताजी रोटियां उपलब्ध हो पाएगी । आगामी सभी आयोजनों में इसका इस्तेमाल होगा, खासकर जब श्री गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा तो उस अवसर पर होने वाले वृहद आयोजन में यह रोटी मेकर विशेष उपयोगी साबित होगी।